बंगलूरू: कर्नाटक सरकार ने एक दिन पहले ही महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास कॉरपोरेशन लिमिटेड में हुए अवैध धन हस्तांतरण के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। हालांकि, भाजपा ने इस मामले में एसआईटी जांच पर आपत्ति जताई। साथ ही मांग की है कि मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।
बैंक अधिकारी ने छोड़ा सुसाइड नोट
दरअसल कॉरपोरेशन बैंक के खाते से अवैध तरीके से 88.62 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम का हस्तांतरण किया गया था। बैंक के अकाउंट अधिकारी चंद्रशेखर पी की आत्महत्या के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। बैंक अधिकारी ने मरने से पहले एक नोट भी छोड़ा था, जिसमें कॉरपोरेशन बैंक के निलंबित एमडी जे जी पद्मनाभ, अकाउंट अधिकारी परशुराम जी दुरुगन्नावार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य मैनेजर शुचिस्मिता रावल का नामों का जिक्र किया गया था। नोट में ये भी लिखा है कि मंत्री ने फंड हस्तांतरित करने का मौखिक आदेश दिया था। इस घटना के बाद, राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है।
भाजपा ने सरकार को घेरा
भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार को घेर लिया है और मामले की जांच की मांग की है। साथ ही भाजपा ने अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र के इस्तीफे की भी मांग की है। भाजपा का आरोप है कि मंत्री नागेंद्र का इस घोटाले से सीधा संबंध है। दिवंगत बैंक अधिकारी चंद्रशेखर की पत्नी की शिकायत पर शिवमोगा के विनोबा नगर की पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिसके आधार पर सरकार ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है। चार सदस्यों वाली एसआईटी टीम का नेतृत्व बंगलूरू सीआईडी विभाग के आर्थिक अपराध के एडिश्नल डीजीपी मनीष खार्बिकर करेंगे।
सीबीआई जांच की मांग
राज्य भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने एक्स पर कहा, ‘मैं सीबीआई जांच की मांग करता हूं। पारदर्शिता के हित में एसआईटी जांच को खारिज करता हूं और यह सुनिश्चित करता हूं कि असली दोषियों को सजा दी जाए। साथ ही, हम आरोपी मंत्री बी नागेंद्र को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में मरे मिले अधिकारी ने एक बड़े भ्रष्टाचार की सिर्फ टिप दी है। सरकारी धन का गबन कर्नाटक कांग्रेस सरकार द्वारा मंत्रियों की संलिप्तता वाली एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है और हमारे इस दावे को भी बल देता है कि कांग्रेस दिल्ली में अपने आकाओं को धन मुहैया कराने के लिए कर्नाटक को एटीएम की तरह इस्तेमाल कर रही है।’