नई दिल्ली: तेलंगाना के एक बीआरएस नेता केटी रामा राव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि हम पिछले 15 दिनोंसे धान खरीद में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं। कोई कार्रवाई नहीं हुई अब तक, न ही किसी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी। देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। अब तक छह चरणों के चुनाव हो चुके हैं। इसी बीच बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव तेलंगाना में धान की बिक्री और बढ़िया चावल की खरीद से संबंधित कांग्रेस सरकार से जुड़े 1,100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की मांग की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के नेता जो विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से रिश्वत वसूल रहे थे, उन्होंने कार्यालय और दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं से जुड़े घोटालों का पर्दाफाश किया।
रविवार को तेलंगाना भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामा राव ने कहा कि पहला घोटाला 35 लाख टन धान की बिक्री के लिए निविदाओं से जुड़ा था, वहीं दूसरा आवासीय कल्याणा छात्रावासों के लिए 2.2 लाख टन बढ़िया चावल की खरीद का है। उन्होंने बताया कि 25 जनवरी को एक समिति नियुक्त हुई, इसी दिन दिशा-निर्देश जारी हुए, निविदाएं आमंत्रित हुई। यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है।
उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय चावल मिल मालिकों ने 2,100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का विकल्प दिया था। लेकिन पात्रता नियमों में बदलाव किया गया और वैश्विक निविदाओं के नाम पर केंद्रीय भंडार एलजी इंडस्ट्रीज, हिंदुस्तान कंपनी और नकाफ जैसी कंपनियों ने 1885 रुपये से 2005 रुपये प्रति क्विंटल के बीच की कीमत पर ये निविदाएं जीतीं।
वहीं रामा राव ने विभिन्न कल्याण छात्रावासों में पढ़ने वाले गरीब छात्रों के लिए 2.2 लाख टन बढ़िया चावल की खरीद में 300 करोड़ रुपये के घोटाले पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संदेह है कि इतना बड़ा घोटाला केंद्र सरकार के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम और केंद्रीय जांच एजेंसी के नजर से कैसे बच गया।उन्होंने मांग उठाई कि अगर रेवंत रेड्डी ईमानदार हैं तो वे इन निविदाओं की एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा जांच करवाएं। अगर केंद्र , एफसीआई और राज्य सरकार जवाब नहीं देगी तो कानूनी कार्रवाई करेंगे।