Thursday , November 7 2024
Breaking News

कैसरगंज के रोमांचक रण में बस चार ही योद्धा, 47 साल के संसदीय दौर में पहली बार सबसे कम प्रत्याशी

गोंडा:  चर्चित कैसरगंज संसदीय सीट पर इस बार सबसे कम लड़ाके मोर्चे पर डटे हैं। लोकसभा क्षेत्र बनने के 47 साल बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब सिर्फ चार प्रत्याशी ही मैदान में हैं। इससे पहले यहां के सियासी मैदान में हमेशा प्रत्याशियों की संख्या अच्छी रही है। साल 1996 के चुनाव में सपा संस्थापकों में रहे बेनी प्रसाद वर्मा खुद पहली बार 28 लोगों को हराकर यहां से संसद पहुंचे थे।

वर्ष 1977 में गोंडा वेस्ट संसदीय क्षेत्र का नाम बदलकर कैसरगंज रख दिया गया। इससे पहले भी यह सीट हमेशा चर्चा में रहती थी। देश की बड़ी हिंदूवादी नेता शकुंतला नायर इसी सीट से तीन बार जीत कर संसद पहुंच चुकी थीं। प्रदेश के बहुचर्चित क्षेत्रों में शामिल होने के कारण यहां हमेशा दावेदारों की भीड़ रहती है। वर्ष 1996 से सबसे अधिक 28 प्रत्याशियों ने भाग्य आजमाया।

साल 1998, 1999 व 2004 तक वह चार बार सांसद रहे, लेकिन इस दौरान भी रण में लड़ाकों की संख्या अधिक रहती थी। पहली बार वर्ष 2024 में ऐसा हुआ जब नामांकन की मियाद खत्म होने के एक दिन पहले दो बड़े राजनीतिक दलों ने अपने पत्ते खोले। बड़े दलों का इंतजार करते-करते निर्दल लड़ाकों ने भी तैयारी पूरी नहीं की और 12 में से आठ के पर्चे खारिज हो गए।