पहली बार भारत दौरे पर आए मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारतीय समकक्ष डॉ एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान जयशंकर ने कहा, हमें विभिन्न क्षेत्रों में अपने दृष्टिकोणों के आदान-प्रदान को मजबूत करने में सक्षम बनाया। मूसा से मुखातिब विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, निकटतम पड़ोसियों के रूप में, हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। उन्होंने कहा, भारत का सवाल है मालदीव के साथ रिश्ते हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और सागर (SAGAR) दृष्टिकोण पर आधारित है। जयशंकर ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि आज की हमारी बैठक सफल होगी।’
भारत मालदीव के रिश्तों पर नजर, क्यों अहम है विदेश मंत्री का दौरा
बता दें कि हिंद महासागर में आपसी समुद्री सहयोग के लिए भारत SAGAR की नीति पर चलता है। इसका मतलब सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन (SAGAR) है। विदेश मंत्री मूसा का भारत दौरा इस मायने में भी अहम है क्योंकि पिछले कुछ महीने से भारत और मालदीव के संबंधों की तल्खी उभरी हैं। मालदीव के राष्ट्रपति ने अपने चुनावी अभियान में ‘इंडिया आउट’ जैसे नारों का सहारा लिया, तो दूसरी तरफ उनके मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप प्रवास पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इसके बाद पर्यटन पर आधारित देश मालदीव को सोशल मीडिया पर कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था।
कोरोना महामारी और आपदा के समय पड़ोसियों के साथ घनिष्ठता का पता लगा
गुरुवार को नई दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से कहा, दुनिया आज अस्थिरता के साथ-साथ और अनिश्चितता के दौर से भी गुजर रही है। ऐसे समय में दुनिया के सामने कोरोना महामारी जैसी विकराल चुनौती भी आई। प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक कठिनाइयों के दौरान हमने देखा कि पड़ोसियों के साथ घनिष्ठ साझेदारी बहुत मूल्यवान है। इस बात को समझते हुए भारत और मालदीव आज की बैठक के दौरान विभिन्न आयामों की समीक्षा करेंगे।
जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों पर मालदीव को दो टूक संदेश भी दिया
विदेश मंत्री जयशंकर ने बातचीत की शुरुआत में ही मालदीव को दो टूक संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, ‘इस बात पर सहमत होना हमारे साझा हित में है कि हम अपने संबंधों को बेहतर तरीके से कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।’