नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिस्ट्रीशीट पुलिस का आंतरिक दस्तावेज है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों को खिलाफ दर्ज हिस्ट्रीशीट में छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
क्या है मामला
दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने विभिन्न मामलों में 18 मुकदमे दर्ज किए थे। पुलिस ने इन मामलों में जो हिस्ट्रीशीट तैयार की थी, जिसमें अमानतुल्लाह खान को बुरे चरित्र वाला बताया गया था। दिल्ली पुलिस के इस फैसले के खिलाफ अमानतुल्लाह खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिस्ट्रीशीट को पुलिस का आंतरिक दस्तावेज बताया। अमानतुल्लाह खान के वकील ने कहा कि अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।
अमानतुल्लाह खान ने अपनी याचिका में सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस ने हिस्ट्रीशीट में उनके नाबालिग बेटों और पत्नी के नाम भी सार्वजनिक किए हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अगर किसी पुलिस अधिकारी ने जानबूझकर अमानतुल्लाह खान के नाबालिग बेटों की पहचान हिस्ट्रीशीट में उजागर की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी राज्यों से अपराधियों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट की नीति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।