श्रीलंका में 2019 में हुए ईस्टर संडे आतंकी हमले के मामले में पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कैथोलिक चर्च के आर्कबिशन कार्डिनल मैल्कम रंजीथ को आरोपों को सिरे से नकारा है। बता दें कि 21 अप्रैल 2019 को श्रीलंका में आईएसआईएस समर्थित इस्लामी चरमपंथी नेशनल तौहीद जमात द्वारा सीरियल ब्लास्ट किया गया था। इस दौरान नौ आत्मघाती हमलावरों द्वारा तीन कैथोलिक चर्च और कई लग्जरी होटोलों में बम धमाके किए गए थे। इस आतंकी हमले में 11 भारतीयों समेत 270 लोगों की मौत हो गई थी।
पूर्व राष्ट्रपति कार्डिनल रंजीथ ने लगाए आरोप
हाल ही में कार्डिनल रंजीथ ने आरोप लगाया था कि ईस्टर संडे ब्लास्ट मामले में राष्ट्रपति जांच आयोग की रिपोर्ट पूर्व राष्ट्रपति को सौंपी गई थी। इसके बाद राजपक्षे ने उनसे फोन पर बात की थी। रंजीथ के अनुसार पूर्व राष्ट्रपति ने कहा था कि उस रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने में कठिनाइयां हुईं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें उन व्यक्तियों की गिरफ्तारी और उन संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी जो कि राजपक्षे के समर्थक थे।
आरोपों के जवाब में राजपक्षे ने क्या कहा?
इसके जवाब में गोटाबाया राजपक्षे ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट मुझे सौंपे जाने के बाद मैंने कार्डिनल से फोन पर बात नहीं की। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के किसी भी संगठन में मेरा कोई सहयोगी नहीं हो सकता है, जिसे ईस्टर संडे ब्लास्ट के लिए प्रतिबंधित करने की आवश्यकता होगी।
कार्डिनल रंजीथ के हर आरोप का किया खंडन
राजपक्षे ने कार्डिनल रंजीथ के उस आरोप का भी खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि पूर्व राष्ट्रपति ने कार्डिनल को राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट के पहले संस्करण की कॉपी देने में देरी की थी इसके जवाब में राजपक्षे ने कहा कि राष्ट्रपति आयोग की रिपोर्ट मुझे एक फरवरी 2021 को मिली थी। इसके बाद इस प्रति को अटॉर्नी जनरल को सौंपा गया और 23 फरवरी 2021 को इसे संसद के अध्यक्ष को सौंपा गया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद एक मार्च को कैथोलिक बिशप समेत सभी संबंधित लोगों को यह कॉपी दे दी गई थी। ऐसे में कार्डिनल रंजीथ के पास इस कॉपी के देरी से पहुंचने का सवाल ही नहीं उठता।