पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। अब इस्लामाबाद की एक अदालत ने गुरुवार को इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को पाकिस्तानी सेना और बाकी संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ बयान देने पर रोक लगाई है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश बसीर जावेद राणा ने कहा कि मीडिया को कोर्ट की सुनवाइयों को लेकर एक सीमा के अंतर्गत रिपोर्ट्स तैयार करनी चाहिए और आरोपियों के बयानों पर किसी तरह की रिपोर्ट नहीं बनानी चाहिए।
भड़काऊ बयान देने पर लगी फटकार
अदालत के आदेश के अनुसार पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी द्वारा सेना के उच्च अधिकारियों, न्यायपालिका और सेनाध्यक्ष को लेकर भड़काऊ बयान दिए गए हैं। कोर्ट ने इमरान और उनकी पार्टी को फटकार लगाते हुए कहा है कि इस तरह के बयान न्यायिक मर्यादा को बाधित करते हैं और न्यायिक कार्यों में भी बाधा डालते हैं। आगे कहा गया है कि इमरान खान के जेल मुकदमे के दौरान मीडिया द्वारा अपनी रिपोर्टिंग को सीमित रखा जाएगा। एक खबर के अनुसार, अदालत ने अपने आदेश में अभियोजन पक्ष, आरोपियों और उनके बचाव पक्ष के वकीलों को निर्देश दिया कि वे ऐसे भड़काऊ बयान न दें जिससे अदालत की मर्यादा भंग हो।
इमरान खान ने पंजाब पुलिस पर भी लगाया था आरोप
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब पुलिस पर भी धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि पंजाब में उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए पहले से धांधली की रणनीति तय की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी हमारी याचिका को अनसुना किया गया।