बंगलूरू:हुबली के बीवीबी कॉलेज में कांग्रेस पार्षद की बेटी की हत्या पर राजनीति जारी है। यह मुद्दा कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान में तब्दील हो गया है। भाजपा राज्य सरकार पर लगातार निशाना साध रही है। उसका कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था नहीं है, जबकि सत्तारूढ़ दल का कहना है कि हर मामले पर राजनीति करना जरूरी नहीं है।
मामले की जांच जारी
छात्रा की हत्या पर हुबली-धारवाड़ पुलिस कमिश्नर रेणुका सुकुमार ने बताया कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।उन्होंने कहा, ‘इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपी को भी एक घंटे के भीतर पकड़ लिया गया था। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। यह बहुत गंभीर मामला है और हम जांच कर रहे हैं। जांच के दौरान सब कुछ सामने आ जाएगा।’
कई जगह हो रहे विरोध- प्रदर्शन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और हिंदुत्व संगठनों से जुड़े अन्य संगठनों ने न्याय की मांग करते हुए विरोध- प्रदर्शन किया और आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की। कई अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के विरोध- प्रदर्शन की खबरें हैं।
लव जिहाद होने का संदेह
केंद्रीय मंत्री और धारवाड़ लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रह्लाद जोशी ने संदेह जताया कि इस घटना के पीछे लव जिहाद हो सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति बंद करने और एक समुदाय विशेष के साथ विशेष व्यवहार करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ रही है.
इसलिए मारा चाकू
हालांकि, गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि अभी तक ‘लव जिहाद’ का कोई पहलू नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरी जानकारी के मुताबिक वे दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे। बताया जा रहा है कि लड़के ने लड़की को चाकू मार दिया क्योंकि उसने उससे दूरी बनाने की कोशिश की थी। लव जिहाद का पहलू अभी नजर नहीं आ रहा है। उसे डर था कि वह किसी और से शादी कर सकती है, लेकिन अभी तक ज्यादा जानकारी नहीं है।’
तुमकुरू में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं तो भाजपा नियमित रूप से कांग्रेस पर आरोप लगाती है जो सही नहीं है। सरकार कानून के अनुसार ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करेगी, लेकिन चुनाव के समय हर चीज को राजनीतिक पहलुओं से देखना सही नहीं है। वे (भाजपा) एक निश्चित तरीके से जांच करने और कुछ धाराओं को लागू करने का निर्देश नहीं दे सकते। सबूतों के आधार पर पुलिस धाराएं लगाएगी।