फसल को लेकर किसान अपनी आंखों में कई सपने संजोकर रखता है कि जब फसल बिकेगी, तो बेटी की शादी करेगा, कर्ज चुकाएगा, बच्चों का एडमिशन कराएगा, ये खरीदेगा-वो खरीदेगा। वही फसल जब उसके सामने जल कर राख हो जाए और उसके हिस्से में बस राख रह जाए, तो उस किसान के आंखों के आंसू भी सूख जाते हैं।
ऐसा ही हुआ अतरौली के गांव गनियावली और पेंडरा में, जहां 18 अप्रैल दोपहर आग लगने से करीब 50 से अधिक किसानों की सैंकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। आग बुझाने में किसानों के पसीने छूट गए। दमकल की तीन गाड़ी मौके पर पहुंची, तब करीब डेढ़ घण्टे बाद आग पर काबू पाया जा सका। फसलों में बर्बादी देख किसानों का रो-रो कर बुरा हाल है।
बताया जा रहा है कि गांव गनियावली में 18 अप्रैल को अपराह्न करीब 12.30 बजे किसान दीपक के नलकूप पर बिजली के तार से शार्ट सर्किट हुआ। जिससे उस खेत के गेहूं की फसल में आग लग गई। हवा चलने के कारण आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। एक खेत से दूसरे खेत होती हुई आग कई खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को जलाते हुए पेंडरा गांव तक पहुंच गई।
किसानों ने ट्रैक्टर चलाकर खेतों में जुताई कर आग को काबू में करने का प्रयास किया, लेकिन आग काबू में नहीं आ सकी। किसानों ने ट्यूबवेल चलाकर खेतों में पानी चलाया और दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंची, तब बमुश्किल करीब दो बजे आग पर काबू पाया जा सका। सूचना मिलने पर एमएलसी चौ ऋषिपाल सिंह, पवन वर्मा, जिप सदस्य पुष्पेंद्र लोधी, केपी मिस्त्री, बोधपाल सिंह आदि मौके पर पहुंचे और किसानों के नुकसान की जानकारी ली। एमएलसी चौ ऋषिपाल सिंह ने अलीगढ़ डीएम से वार्ता कर किसानों के नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाने की कार्यवाही करने को कहा।
इन किसानों का हुआ नुकसान
बच्चू सिंह, वीरपाल, यासीन, चोब सिंह, साहब सिंह, कप्तान, कुमरपाल, मनोहर, नेत्रपाल, मुकेश, दूल्हे मियां, रघुराई, गनी, चतुरी, मनोज, अशरफ, शराफत, मख्खन, प्रमोद, समर सिंह, छोटे लाल, लतीफ, अमर सिंह, सूरजपाल, ओमप्रकाश, महिलाल, रामकुमार, अभिषेक नागर, दीपक, कन्हैया, योगेश, धीरेश, चुरामन, कलियान, केशर देव, सत्तार, इस्लाम, शायद खान, साजिद, साधु राम, रामप्रकाश, बासदेव, राजेश, शैतान, धुरी सिंह, हरिप्रसाद आदि।