डेयरी सहकारी कंपनी ‘केओएमयूएल’ में पिछले साल भर्ती प्रक्रिया में हुई धांधली मामले में अब नया मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के राज्यपाल और लोकायुक्त को पत्र लिखा है। उसने कोलार-चिक्काबल्लापुरा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (केओएमयूएल) में भर्ती प्रक्रिया में व्यवस्थित धांधली की प्राथमिकी दर्ज करने और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
यह है मामला
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोलार जिले की मालूर विधानसभा सीट से 61 वर्षीय विधायक और उनसे जुड़े लोगों पर केंद्रीय एजेंसी ने आठ जनवरी को केओएमयूएल के लिए कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं और 150 करोड़ रुपये कीमत की सरकारी जमीन के अवैध आवंटन की धन शोधन जांच के तहत छापेमारी की थी। उस समय ईडी ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक कांग्रेस विधायक नानजेगौड़ा की अध्यक्षता वाली एक समिति ने साक्षात्कार प्रक्रिया में पूरी तरह से हेरफेर करके और रिश्वत के बदले में कुछ राजनेताओं द्वारा नौकरियों के लिए सिफारिश किए गए 30 उम्मीदवारों को डेयरी सहकारी केओएमयूएल में समायोजित किया।
ईडी ने लगाए यह आरोप
ईडी के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया के दौरान पहले एक लिखित परीक्षा (85 प्रतिशत वेटेज) होती, उसके बाद एक भर्ती समिति द्वारा इंटरव्यू (15 प्रतिशत वेटेज) कराया जाता था। इस समिति की अध्यक्षता केओएमयूएल के अध्यक्ष नानजेगौड़ा, केओएमयूएल बोर्ड के एक निदेशक के एन नागराज, सहकारी विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार लिंगाराजू ने की थी।
ईडी का कहना है कि पिछले साल दिसंबर में 320 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए चुना गया था। बाद में 75 चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची को केओएमयूएल बोर्ड द्वारा मंजूर किया गया था। एजेंसी का आरोप है कि नतीजा जारी किए बिना इन उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था।
एक दिन पहले भेजे सबूत
सूत्रों ने कहा कि ईडी ने सबूतों को पिछले एक दिन पहले कर्नाटक के राज्यपाल और मंगलौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और राज्य लोकायुक्त प्रतिष्ठान के साथ प्राथमिकी दर्ज करने और स्वतंत्र जांच कराने के लिए साझा किया था।