नई दिल्ली: दुनियाभर में लगभग चार प्रतिशत बच्चे फूड एलर्जी से जूझ रहे हैं। पश्चिमी देशों में करीब आठ फीसदी बच्चों और चार फीसदी वयस्कों को फूड एलर्जी है। लेकिन अब ओरल इम्यूनोथेरेपी के जरिये इसका इलाज किया जा सकेगा।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बच्चों के लिए फूड एलर्जी एक बड़ी समस्या हो सकती है। स्कूल में टिफिन बांटकर खाने से भी उन्हें इसका खतरा होता है। इसके अलावा उनके घूमने-फिरने की योजनाओं और पार्टियों में जाने पर भी असर पड़ सकता है। शोधकर्ताओं ने पहली बार इसके लिए मानकीकृत दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। जो बच्चों में फूड एलर्जी कर सकने वाले खाद्य पदार्थों के प्रति सहनशक्ति विकसित करने में मदद करेंगे। ओरल इम्यूनोथेरेपी में बच्चों को मूंगफली जैसे एलर्जी करने वाले खाद्य पदार्थ बहुत थोड़ी मात्रा में दिए जाते हैं। धीरे-धीरे उनकी मात्रा बढ़ाई जाती है ताकि, बच्चों में उनके प्रति सहनशक्ति विकसित हो सके।
डगलस मैक इस अध्ययन के प्रमुख लेखक और बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा, यह एक ऐतिहासिक अध्ययन है क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं किया गया। हमें ओरल इम्यूनोथेरेपी के बारे में मार्गदर्शन की बहुत जरूरत है।
भारत में आम है गेहूं, अंडे और दूध से होने वाली एलर्जी
एक बच्चे का खाना दूसरे बच्चे को बीमार कर सकता है। मूंगफली से होने वाली एलर्जी ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा होती है। एशिया में यह एलर्जी उतनी अधिक नहीं है। यहां पर गेहूं, अंडे और दूध से होने वाली एलर्जी सबसे ज्यादा आम है।