अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस) में निकारागुआ ने मुकदमा दर्ज कराया है, जिसमें निकारागुआ ने गाजा में नरसंहार के लिए जर्मनी और पश्चिमी देशों पर इस्राइल को मदद देने का आरोप लगाया है। हालांकि जर्मनी ने इन आरोपों से इनकार किया है। मंगलवार को जर्मनी के विदेश मंत्रालय के कानूनी सलाहकार तानिया वो उसलार ने कहा कि निकारागुआ द्वारा दर्ज मुकदमा जल्दबाजी और कमजोर सबूतों पर आधारित है। जर्मनी ने इस मुकदमे को खारिज करने की भी मांग की।
जर्मनी ने ये बताई इस्राइल को समर्थन देने की वजह
तानिया वो उसलार ने कहा कि जर्मनी, इस्राइल और फलस्तीनी लोगों दोनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। जर्मनी की प्राथमिकता इस्राइल के प्रति इसलिए हैं क्योंकि यहूदियों पर खत्म करने का नाजियों का इतिहास है। जर्मनी के अटॉर्नी क्रिश्चियन ताम्स ने कहा कि 7 अक्तूबर को इस्राइल पर हुए हमले के बाद से जर्मनी द्वारा जो हथियार भेजे गए हैं, उनमें 98 प्रतिशत सिर्फ हेलमेट, दूरबीन और बुलेटप्रूफ जैकेट ही हैं।
ताम्स ने कहा कि जर्मनी को हथियारों की जो चार खेप भेजी गई हैं, उनमें से तीन खेप सिर्फ ट्रेनिंग के उद्देश्य वाले हथियारों की भेजी गई है न कि संघर्ष में इस्तेमाल होने वाले हथियारों की। इस्राइल और हमास की लड़ाई को छह महीने का समय बीत चुका है। कई विरोध प्रदर्शनों, कोर्ट में दर्ज मामलों में और सामाजिक समूहों द्वारा दावा किया गया है कि इस्राइल कई फलस्तीनी लोगों की हत्याएं कर रहा है और इसमें जर्मनी और पश्चिमी देश उसकी मदद कर रहे हैं।
आईडीएफ ने अब तक मारे 13 हजार से ज्यादा हमास लड़ाके
वहीं इस्राइल डिफेंस फोर्सेस ने लड़ाई को लेकर कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जिनमें इस्राइली सेना ने दावा किया है कि अब तक लड़ाई में 13 हजार और अन्य आतंकी समूहों से ज्यादा हमास लड़ाके मारे जा चुके हैं। साथ ही इस्राइल में 7 अक्तूबर के हमले के दौरान करीब एक हजार आतंकी मारे गए थे, जब हमास के आतंकियों ने इस्राइल में 1200 नागरिकों की हत्या कर दी थी। इस्राइली सेना के आंकड़ों के अनुसार, वेस्ट बैंक में 3700 फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 1600 हमास से संबंधित हैं।