संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम ‘खाद्य सुरक्षा में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों की ओर भारत के कदम’ को संबोधित करते हुए इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने कहा कि 50 साल पहले जब वह यूरोप में लंबी पैदल यात्रा कर रहे थे तो उन्होंने लगातार 120 घंटे तक भूख का अनुभव किया था।
120 घंटों तक भूख का अनुभव हुआ- नारायण मूर्ति
भारतीय प्रवासियों के सदस्यों को संबोधित करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि आप में से ज्यादातर को भूख का अनुभव नहीं हुआ है, लेकिन मेरे पास है। 50 साल पहले, जब मैं यूरोप में और बुल्गारिया और तत्कालीन यूगोस्लाविया और आज सर्बिया के बीच एक सीमावर्ती शहर निश नामक स्थान पर हिचहाइकिंग कर रहा था, तब मुझे लगातार 120 घंटों तक भूख का अनुभव हुआ था।
सफलता लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाती है- नारायण मूर्ति
यहां के अधिकांश भारतीयों और मैंने भारत सरकार से अच्छी गुणवत्ता वाली सब्सिडी वाली शिक्षा प्राप्त की है। इसलिए सभ्य लोगों के रूप में हमें अपने राष्ट्र के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में हमें मदद करनी चाहिए। सफलता असहाय लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला रही है। नारायण मूर्ति ने कहा कि अक्षय पात्र इस मायने में बेहद सफल है। अगर हमारे गरीब बच्चे हमारे समाज में आशा और विश्वास खो देते हैं, तो वे हिंसा पर उतर आएंगे।