केरल के वायनाड से नामांकन दाखिल करने के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी विवादों से घिरते जा रहे हैं। भाजपा नेता आरोप लगा रहे थे कि कांग्रेस ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन स्वीकार कर लिया है। हालांकि, अब सबसे पुरानी पार्टी ने साफ कर दिया कि उसने एसडीपीआई का समर्थन स्वीकार नहीं किया है। वहीं, उसने यूडीएफ का समर्थन करने के लिए मतदाताओं का स्वागत किया है। बता दें, केरल में लोकसभा चुनाव 26 अप्रैल को होंगे।
प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा से मतदान कर सकता है
विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता का विरोध करती है। इन परिस्थितियों में डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा यूडीएफ को दी जाने वाली सहायता को देखा जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार मतदान कर सकता है। हम चाहते हैं कि हर कोई यूडीएफ को वोट दे, लेकिन संगठनों के मामले में हमारा यही रुख है।’
यह है मामला
गौरतलब है, प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को समर्थन देने की घोषणा की थी। हालांकि, उस समय सतीशन ने कहा था कि यूडीएफ एसडीपीआई के साथ किसी समझौते पर नहीं पहुंचा है। कई पार्टियां यूडीएफ को समर्थन दे रही हैं, लेकिन उसने एसडीपीआई के साथ कोई चर्चा नहीं की है और न ही कोई समझौता हुआ है।
स्मृति ईरानी ने घेरा था
अमेठी लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराने वाले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने इस पर हैरानी जताई थी कि उन्होंने (राहुल गांधी) कथित तौर पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा था कि उसका समर्थन स्वीकार करके राहुल ने नामांकन दाखिल करने के दौरान ली गई संविधान की शपथ का भी उल्लंघन किया है।