कंपनियां 2024-25 में प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से 70,000 करोड़ रुपये जुटा सकती हैं। 2023-24 में कंपनियों ने आईपीओ से 62,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। शेयर बाजार की तेजी अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहने की उम्मीद है। इसलिए, इसका फायदा इश्यू लाने वाली कंपनियां उठा सकती हैं। विदेशी निवेशक भी बाजार में अच्छी खासी रकम निवेश कर सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, 19 कंपनियां मिलकर 25,000 करोड़ रुपये जुटा सकती हैं। इन सबको पूंजी बाजार नियामक सेबी की मंजूरी मिल चुकी है। 37 कंपनियां इश्यू से 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं। इन्होने सेबी के पास मसौदा जमा कराया है। सभी कंपनियां सेबी से मंजूरी का इंतजार कर रही हैं।
कुल 56 कंपनियों में से नौ कंपनियां नए जमाने की टेक सेक्टर की हैं। ये करीब 21,000 करोड़ रुपये आईपीओ के जरिये जुटा सकती हैं। अगले वित्त वर्ष में आईपीओ की रफ्तार तेज रहने की उम्मीद है। बड़ी कंपनियां भी बाजार में उतरने वाली हैं। इसमें टाटा कैपिटल से लेकर बिग बॉस्केट तक शामिल हैं।
इसलिए आएगी तेजी
आईपीओ को जिस वजह से तेजी मिलेगी, उनमें घरेलू पूंजी में वृद्धि, बेहतर गवर्नेंस, एफडीआई समर्थन के साथ अनुकूल सरकारी नीतियां और संस्थागत निवेशक शामिल हैं। विशेषज्ञों की मानें तो आम चुनाव के बावजूद अप्रैल व मई में कुछ आईपीओ लॉन्च होते दिखेंगे।