भारत-चीन सीमा विवाद के बीच दोनों देशों ने इस मामले को सुलझाने के लिए बीजिंग में एक बैठक की। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा विवादों को लेकर बुधवार को चीन की राजधानी बीजिंग में एक बैठक आयोजित की गई।
भारत-चीन सीमा मामले पर बीजिंग में हुई बैठक
इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने की। उन्होंने बीजिंग में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। दूसरी ओर से चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधि के बीच भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्रों में वास्वविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर जारी विवाद पर चर्चा की गई।
बैठक के बाद दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमित जताई है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से नियमित संपर्क बनाने और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। इससे पहले दोनों पक्षों के बीच पिछले साल नवंब में बैठक हुई थी।
अरुणाचल भारत का अभिन्न हिस्सा: मंत्रालय
हाल ही में चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया था। हालांकि, भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया था। इससे पहले भी चीन कई बार अरुणाचल प्रदेश पर दावा कर चुका है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने चीन के इन निराधार दावों को खारिज करते हुए कहा कि अरुणाचल उत्तरपूर्वी राज्य होने के साथ भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि अरुणाचल के लोगों को भारत के विकास कार्यक्रम और परियोजनाओं का लाभ मिलता रहेगा।