लोकसभा चुनाव में अब एक महीना से भी कम समय बचा हुआ है। सभी राजनीतिक दल जोर शोर से तैयारियों में लगे हुए हैं। सभी पार्टियों के नेताओं ने कमर कस ली है। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि देश का धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र बरकरार रहेगा या नहीं। इसी पर सवाल उठाते हुए माकपा (सीपीआईएम) महासचिव सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा कि यह तय करने में लोकसभा चुनाव अहम होंगे क्योंकि पिछले 10 सालों में लोकतंत्र के मूल स्तंभों पर हमला होता देखा गया है।
लोकप्रियता हासिल कर रहा इंडिया गठबंधन
उन्होंने कहा कि विपक्षी इंडिया गठबंधन लोगों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहा है लेकिन काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि सभी दलों को चुनाव में समान अवसर मिलते हैं या नहीं। माकपा महासचिव ने एक साक्षात्कार में लोकसभा चुनाव को देश के लिए अस्तित्व का चुनाव करार दिया।
पिछले 10 वर्षों में एक गंभीर…
उन्होंने कहा, ‘चुनाव तय करेंगे कि हम अपना धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र बनाए रखने जा रहे हैं या नहीं। पिछले 10 वर्षों में एक गंभीर कटान हुआ है। मैं वास्तव में इसे संवैधानिक मूल्यों और हमारे संविधान के मूल स्तंभों पर हमला कहूंगा। क्या हम भारतीय गणतंत्र और धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र की रक्षा करने जा रहे हैं? या इसे और अधिक खराब होने दें? यही कारण है कि चुनाव मौजूदा समय में बेहद महत्वपूर्ण हैं।’