नई दिल्ली। रैंकिंग पर हम कितना ध्यान रखते हैं, बचपन से हम हर बात में तुलना करते रहे हैं, हमसे आगे कौन है, हमसे पीछे कौन है, कहीं हमसे आगे हमारे पड़ोस वाला लड़का तो नहीं आ गया, और भी न जाने क्या क्या, अब बड़े होने पर पता चला है कि ये रैंकिंग का खेल इंटरनेशनल लेवल पर भी होता है, खेलों में रैंकिंग तो होती ही है, लेकिन सरकारों की भी रैंकिंग होती है, जिस में अलग अलग देशों की सरकारें ऊपर नीचे होती रहती हैं। इस लिहाज से मोदी सरकार के लिए ये खबर झटका है, क्योंकि पिछले साल जिस रैंकिंग में वो टॉप पर थी, उसी रैंकिंग में इस साल तीसरे नंबर पर है। दो नंबर का नुकसान उठाना पड़ा है। नुकसान भी जनता के भरोसे का।
इस रैंकिंग में ये भी बताया गया है कि देश की कितनी प्रतिशत जनता सरकारों पर भरोसा करती है। चीन की 74 फीसदी जनता को अपनी सरकार पर भरोसा है, इंडोनेशिया की 71 फीसदी जनता अपनी सरकार पर भरोसा करती है, तो वहीं मोदी सरकार पर भारत की 68 फीसदी जनता को भरोसा है। इस लिस्ट के मुताबिक 28 में से 20 देशों में सरकार, मीडिया और एनजीओ पर से जनता का भरोसा कम हुआ है। खास बात ये है कि पिछले साल भारत नंबर एक पर था, लेकिन नोटबंदी और जीएसटी के जैसे बड़े फैसले लेने के बाद सरकार पर से जनता का भरोसा 13 फीसदी कम हो गया है। मोदी सरकार के लिए राहत की बात ये है कि वो अभी भी टॉप 3 में बनी हुई है। उसे फिर से जनता का भरोसा हासिल करना होगा, चुनावी साल में ये बहुत मुश्किल नहीं होगा, कारण आप भी जानते हैं।