नई दिल्ली : जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने 150 कर्मियों की पहली टुकड़ी को तैनात किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस क्षेत्र में विदेश से प्रशिक्षण कराने की अनुमति मांगी है। 2022 में संसदीय पैनल ने जंगल की आग पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने बताया था कि जंगल की आग आधिकारिक तौर पर विशेष राष्ट्रीय बल द्वारा निपटने वाली आपदाओं का हिस्सा नहीं है।
जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैयार
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा, “जंगल की आग से निपटने के लिए टीम तैयार है। हम उन्हें सुसज्जित कर रहे हैं। 50-50 लोगों की तीन टीमें अब गुवाहटी में स्थित हमारी पहली बटालियन, विजयवाड़ा में स्थित 10वीं बटालियन और उत्तराखंड में बटालियन नंबर 15 के साथ तैनात हैं। चौथी टीम को प्रशिक्षित किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हम गृह मंत्रालय से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें विदेश से भी प्रशिक्षित किया जाए। उनसे हम जंगल में लगी आग से निपटने के उपाय सीख सकते हैं।”
भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट
संसदीय पैनल ने जंगल की आग को विश्व स्तर पर एक बढ़ता खतरा बताया है। बता दें कि 2021 में नागालैंड की दजुकोउ घाटी के जंगल में लगी भीषण आग के बाद पैनल ने आग से निपटने के लिए टीम को तैनात करने की सिफारिश की थी। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में जंगलों में आग लगना एक नियमित घटना है। यह अक्सर गर्मियों के दौरान देखने को मिलती है। नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच देश में जंगलों में आग लगने की चार लाख घटनाएं दर्ज की गई है।