भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह असम के काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में हाथी और जीप सफारी का लुत्फ उठाया। काजीरंगा नेशनल पार्क को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। असम में स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क में सेंट्रल कोहोरा रेंज है, जहां के मिहिमुख क्षेत्र में हाथी की सवारी और जीप सफारी का लुत्फ उठाने का मौका मिलता है। अगर आप भी पीएम मोदी की तरह काजीरंगा नेशनल पार्क में जंगल सफारी का लुत्फ उठाना चाहते हैं और प्राकृतिकता के बीच एडवेंचर ट्रिप का आनंद लेना चाहते हैं तो असम यात्रा की योजना बनाएं। वैसे असम में घूमने के लिए कई अन्य मशहूर पर्यटन स्थल भी हैं। आइए जानते हैं असम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में, कैसे पहुंचना है और इस सफर में कितना खर्च आएगा।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
असम राज्य के गोलाघाट और नागांव जिले में काजीरंगा नेशनल पार्क स्थित है, जिसे 1985 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में दर्जा दिया है। काजीरंगा में आपको सींग वाले राइनो, दलदली हिरण, हाथी, पैंगोलिन, बंगाल फॉक्स, तेंदुए, फ्लाइंग गिलहरी, भालू आदि देखने को मिल सकते हैं। इस स्थान पर रॉयल बंगाल टाइगर्स की एक विशाल आबादी भी पाई जाती है। जंगल सफारी, हाथी की सवारी का लुत्फ उठाने के लिए काजीरंगा नेशनल पार्क घूमने जा सकते हैं।
गुवाहाटी
गुवाहाटी शानदार पर्यटन केंद्र है, जो कि ब्रह्मपुत्र नदी के तट पर स्थित है। गुवाहाटी में प्राचीन मंदिर, वन्यजीव अभयारण्य, ब्रह्मपुत्र की प्राकृतिक सुंदरता देखने आ सकते हैं। यहां गुवाहाटी तारामंडल, असम राज्य संग्रहालय, नवग्रह मंदिर, नेहरू पार्क और ब्रह्मपुत्र नदी क्रूज प्रमुख आकर्षक हैं।
माजुली द्वीप
असम में जंगल, मंदिर या जलप्रपात ही नहीं, द्वीप भी घूमने जा सकते हैं। असस में स्थित माजुली द्वीप प्रदूषण मुक्त मीठे पानी के द्वीप के रूप में प्रसिद्ध है। यह द्वीप जोरहाट शहर से महज 20 किमी दूर है और गुवाहाटी से 347 किमी की दूरी पर है। माजुली दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।
कामाख्या मंदिर
देवी सती ने आत्मदाह किया तो शिवजी उनके शरीर को गोद में लिए घूम रहे थे। इस पर विष्णु जी ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए। शरीर के अंग धरती पर जहां-जहां गिरे, वहां दैवीय शक्तिपीठ स्थापित हो गया। कुछ 52 शक्तिपीठ हैं, जिसमें से देश का सबसे प्रमुख शक्तिपीठ असम की राजधानी दिसपुर में गिरा। इसे कामाख्या माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर दिसपुर के पास गुवाहाटी से 8 किमी दूर है। मंदिर नीलांचल पहाड़ियों के ऊपर स्थित है, जहां दर्शन के लिए देश विदेश से लाखों भक्त आते हैं।
काकोचांग जलप्रपात
असम के जोरहाट में रबर और कॉफी बागानों को देखने जा सकते हैं। यहां प्रमुख जलप्रपात है, जिसका नाम काकोचांग है। यह जलप्रपात नुमालीगढ़ के खंडहरों और सुंदर हरी चाय के बागानों के शानदार दृश्य देखने को मिलता है। काकोचांग काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से सटा हुआ है।