नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का करीब तीन साल दस महीने पहले अपहरण कराने, रंगदारी मांगने और गालीगलौज कर धमकाने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया गया है। ऐसे में अब पूर्व सांसद धनंजय सिंह लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
क्या है सजा का प्रावधान
वाराणसी सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व चेयरमैन एडवोकेट विवेक शंकर तिवारी ने बताया कि अपहरण के मामले में 10 वर्ष तक के कठिन कारावास का प्रावधान है। रंगदारी में भी 10 वर्ष तक के कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। अपमानित करने में दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। आपराधिक धमकी के मामले में दो वर्ष तक के कारावास या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
क्या बोले पूर्व सांसद धनंजय सिंह
पूरा मामला भ्रष्टाचार का था, इसके बारे में सबको पता है। वादी ने अदालत में शपथ पत्र भी दिया था कि हम पर लगाए गए आरोप गलत हैं। भ्रष्टाचार पर आवाज उठाने पर यह कार्यवाही की गई है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।