8 मार्च को महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ का विवाह माता पार्वती के संग हुआ था। उनके वैवाहिक वर्षगांठ को भक्त बहुत धूमधाम से मनाते हैं और सुखी परिवार की कामना के साथ शिव परिवार की पूजा करते हैं। इस मौके पर भक्त शिव मंदिरों, ज्योतिर्लिंगों और शिवालयों के दर्शन के लिए जाते हैं। देश में महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। मान्यता है कि इनके दर्शन और पूजा साक्षात् भोलेनाथ की पूजा करने जैसा है। शिव भक्त भोलेनाथ के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए जाना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक काशी भोलेनाथ का पृथ्वी पर सबसे प्रिय स्थल है। महाशिवरात्रि के मौके पर वाराणसी में दूर-दराज से लोग पहुंचते हैं और काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन करते हैं। हालांकि इस मौके पर काफी भीड़भाड़ हो जाती है। ऐसे में अगर आप महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस जाना चाहते हैं तो कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें।
इस वर्ष महाशिवरात्रि के बाबा विश्वनाथ धाम में दर्शन-पूजन के लिए लगभग 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में दर्शन के लिए बहुत अधिक भीड़ देखने को मिल सकती है। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं तो अपने साथ कुछ सामान लेकर मंदिर न जाएं, जैसे चाकू, पेन, इलेक्ट्रॉनिक रिमोट, स्मार्ट वाॅच, पेन ड्राइव, पान, गुटखा, सिगरेट, मोबाइल और कोई धारदार चीज।
मंदिर में मोबाइल ले जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए यात्री होटल, लाॅज या जिस जगह आप ठहरे हैं, वहीं मोबाइल छोड़ दें। अधिक भीड़ के दबाव के कारण लाॅकर व्यवस्था पर सीधा असर होगा। इस साल महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं के लिए वीआईपी टिकट की सुविधा नहीं रहेगी। ऐसे में आम श्रद्धालुओं को भी वीआईपी दर्शन की वजह से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।