उत्तर प्रदेश के कासगंज में शिक्षक पात्रता परीक्षा-2011 में फर्जीवाड़े की बू आ रही है। जिले में तैनात शिक्षिका रजनी यादव के प्रमाणपत्र पर ऑफलाइन और ऑनलाइन अंतर मिला है। इसकी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद से भेजी गई है। शिकायत मिलने पर बीएसए ने शिक्षिका का वेतन रोक दिया। हालांकि ऑफलाइन जांच रिपोर्ट आने के बाद वेतन लगा दिया गया है।
किनावा स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका रजनी यादव तैनात हैं। उन्होंने 2011 में टेट परीक्षा पास की थी। उनके प्रमाण-पत्र फर्जी होने की शिकायत बीएसए को मिली। इस पर बीएसए ने प्रमाणपत्र पर अंकित अनुक्रमांक 11001951 की ऑनलाइन जांच कराई। ऑनलाइन जांच करने पर मार्कशीट पर चंद्रशेखर पुत्र गोवर्धन का नाम सामने आया। उनका परीक्षाफल अनुत्तीर्ण प्रदर्शित हो रहा था। इस पर बीएसए ने दो दिसंबर 2023 को शिक्षिका का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए।
साथ ही प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजा। माध्यमिक परिषद से 10 जनवरी 2024 को शिक्षिका के परीक्षा उत्तीर्ण करने की रिपोर्ट भेजी। इस पर बीएसए ने 20 जनवरी 2024 को शिक्षिका के वेतन लगाने के आदेश जारी कर दिए। अब इस कार्रवाई पर सवाल उठ रहें है। शिकायतकर्ता का कहना है कि एक अनुक्रमांक से परिषद में ऑनलाइन जो परीक्षाफल प्रदर्शित हो रहा था, ऑफलाइन जांच में वह कैसे बदल गया।
अमांपुर विधायक ने महानिदेशक शिक्षा को लिखा पत्र
शिक्षिका रजनी के ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रमाणपत्र में अंतर मिलने के मामले को विधायक अमांपुर हरिओम वर्मा ने संज्ञान में लिया। उन्होंने महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में बीएसए पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। साथ ही जिले में तैनात शिक्षक देवेंद्र यादव, राजीव कुमार गौतम, अमित कुमार, आनंद कुमार सिंह के टेट प्रमाणपत्र-2011 के फर्जी होने की बात लिखी। उन्होंने बीएसए को पद से हटाकर मामले की जांच कराने की मांग की।