Thursday , November 7 2024
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बारिश और ओलावृष्टि से फसलों की बर्बादी, खेतों में गिरा गेहूं, सरसों को भारी नुकसान

रुहेलखंड क्षेत्र में मौसम की दोहरी मार से किसान परेशान हैं। किसानों ने दिन-रात रखवाली कर फसलों को तैयार किया। जब फसल पकने और कटने को तैयार खड़ी है तो बेमौसम बारिश मुसीबत बन गई। शनिवार को बरेली समेत मंडल के चारों जिलों में तेज हवा के साथ बारिश हुई, जिससे गेहूं की फसल खेतों में गिर गई। सरसों को भी नुकसान हुआ है। रविवार को मंडल के कई इलाकों में भारी ओलावृष्टि हुई है, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है। क्योंकि तेज हवा से गेहूं और सरसों की अगेती फसल पहले ही खेतों में बिछ गई है। ओलावृष्टि और पानी भरने से अब फसल सड़ने का खतरा है।

पिछले तीन दिनों से बादल मंडरा रहे थे। शुक्रवार रात मौसम में बदलाव हुआ। रात में रिमझिम और सुबह होते ही तेज बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर तक बारिश का सिलसिला जारी रहा। बरेली जिले के नवाबगंज, आंवला, मीरगंज, फरीदपुर और फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। 24 घंटे में 12.1 मिमी बारिश हुई।

बारिश का सिलसिला बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत जिले में भी जारी रहा। किसान खेतों में भरे पानी को निकालने की व्यवस्था में लगे हुए थे कि रविवार को ओलावृष्टि हो गई। कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे, जिससे सड़कों पर बर्फ की सफेद परत बिछ गई।

किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। सरसों की बालियां झड़ गई हैं। गेहूं की बालियों खराब हो सकती हैं। इससे फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ेगा। बारिश के कारण आलू की फसल को भी नुकसान हुआ है।

बरेली के धनेती गांव के ओमकार ने बताया कि उन्होंने दो बीघा खेत में गेहूं बोया था। पहले आवारा पशु फसल चर गए। अब तेज हवा के साथ हुई बारिश से फसल खेत में ही बिछ गई। इससे उत्पादन प्रभावित होगा।

गांव सोना के रहने वाले सौरभ पांडे ने बताया कि तेज हवा के साथ हुई बारिश के चलते 150 बीघा गेहूं जमीन पर गिरकर खराब हो चुका है। गांव के ही जानकी प्रसाद ने बताया कि 20 बीघा आलू की फसल में एक दिन पहले ही सिंचाई की थी। अब यह फसल सड़ने का खतरा है।