शिया मुस्लिम बहुल देश ईरान में एक मार्च यानी आज संसदीय चुनाव हो रहे हैं। आज लोग देश के सर्वोच्च नेता यानी राष्ट्रपति को चुनने के लिए मतदान करेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी हो गई हैं। 2020 के संसदीय चुनावों के बाद देश काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इस चुनाव को लोकतांत्रिक सुधार, पश्चिमी देशों के साथ तकरार और खराब अर्थव्यवस्था की कसौटी पर परखा जा रहा है। आइए, जानते हैं इसका पूरा हाल-
कैसे होते हैं चुनाव?
ईरान में हर चार साल में फ़्रांसीसी चुनाव प्रणाली की तर्ज पर चुनाव होते हैं। पहले दौर के मतदान में अगर किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी से ज्यादा वोट नहीं मिले, तो दूसरे दौर में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के लिए वोट डाले जाते हैं।
कौन मतदान कर सकता है और कब?
मतदाताओं की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। करीब 8.5 करोड़ आबादी वाले देश में 6.12 करोड़ से अधिक लोग मतदान करने के पात्र हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान में स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे से वोट डलने शुरू हो जाएंगे और 10 घंटे तक मतदान केंद्र खुला रहेगा। हालांकि, अगर पहले के चुनाव देखे जाए तो अक्सर मतदान करने का समय मांग के अनुसार बढ़ा दिया जाता है।
मतदान केंद्र और सुरक्षा उपाय
देशभर में 59 हजार मतदान केंद्र होंगे। इसमें से तेहरान में पांच हजार और तेहरान के व्यापक प्रांत में 6,800 केंद्र बनाए गए हैं।1,700 मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। गृह मंत्रालय ने सेना के साथ इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और उसके बासिज बलों को निगरानी के लिए तैनात किया है। बताया जा रहा है कि ढाई लाख सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया गया है।