अभी दो दिन पहले की बात है बीजेपी नेता शाजिया इल्मी ने एक ट्वीट किया था। शाजिया इल्मी का ये ट्वीट अरविंद केजरीवाल को लेकर था। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था कि “केजरीवाल जी को कानपुर के ठग्गु के लड्डू की दुकान पर बैठना चाहिये जिसके बोर्ड पर लिखा है “ऐसा कोई सगा नहीं जिसको मैंने ठगा नहीं !! वाह वाह मफ़्लर मैन ! मान गये उस्ताद ! कब तक चलेगी आपकी दुकान!!” इस खबर की हैडिंग में शाजिया इल्मी के ट्वीट का ही जिक्र है। शाजिया इल्मी पहले आम आदमी पार्टी की नेता हुआ करती थीं। उससे पहले टीवी की जानी मानी पत्रकार थीं। लंबे समय तक उन्होंने केजरीवाल के साथ काम किया। लेकिन, बाद में बगावत के दौर में उनसे अलग हो गईं। शाजिया के इस ट्वीट की शुरुआत हम अन्ना हजारे से करते हैं। ये बात उन दिनों की है। जब लोग सिर्फ अन्ना हजारे को जानते थे। अरविंद केजरीवाल को नहीं। तब अरविंद ने अन्ना के सहारे एक आंदोलन खड़ा किया इंडिया अंगेस्ट करप्शन।
आंदोलन हिट हुआ। अन्ना हिट हुए। केजरीवाल हिट हुए। लेकिन, केजरीवाल की सोची-समझी रणनीति में अन्ना हजार फिट नहीं हुए। तो उन्होंने अन्ना हजारे का ही साथ छोड़कर अपनी नई पार्टी बना डाली। जबकि अन्ना हजारे इसके विरोध में थे। अन्ना हजारे आज भी मानते हैं कि अरविंद ने उन्हें धोखा दिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने पहली बार साल 2013 में दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ने का फैसला किया। सभी को याद होगा कि अरविंद केजरीवाल अपने हर भाषण हर इंटरव्यू में एक बात का जरुर जिक्र करते थे और वो बात थी मोहल्ला सभा की। जिसकी शुरुआत विनोद कुमार बिन्नी ने की थी। चुनाव से पहले तक अरविंद विनोद कुमार बिन्नी का गुणगान करते थे। उन्हें अपना रोल मॉडल मानते थे। उनके फार्मूले के आधार पर दिल्ली को चलाने का सपना देखते और दिखाते थे। लेकिन, जैसे ही पहली बार सरकार बनी विनोद कुमार बिन्नी भी किनारे हो गए। बिन्नी उस वक्त भी आरोप लगाते थे केजरीवाल ने उन्हें ठगा है।
विनोद कुमार बिन्नी अब बीजेपी में जा चुके हैं। इसके बाद पार्टी के भीतर योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को लेकर रार मचनी शुरु हुई। जबकि इन सभी नेताओं ने मिलकर एक आंदोलन को खड़ा किया था। उसे एक मुकाम तक पहुंचाया था। लेकिन, योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के साथ-साथ शांति भूषण भी दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकालकर बाहर फेंक दिए गए। ये लोग आज भी डंके की चोट पर कहते हैं कि केजरीवाल ने सिर्फ इन्हीं के साथ धोखा नहीं किया बल्कि देश और दिल्ली की जनता के साथ भी धोखा किया है। जिस भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को लेकर सत्ता हासिल की आज उसी के साथ यारी कर ली है। इस वक्त पार्टी में कुमार विश्वास को लेकर बवाल मचा हुआ है। इससे पहले कपिल मिश्रा बगावत कर चुके हैं। उन्हें भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। कपिल मिश्रा भी सार्वजनिक मंचों से कहते हैं कि केजरीवाल ने धोखा किया।
ऐसा नहीं है कि योगेंद्र यादव और कपिल मिश्रा के बाद सिर्फ कुमार विश्वास ही पार्टी की अंदरूनी राजनीति का शिकार बने हों। कई और नेता हैं। हर नेता के नाम और उसकी बगावत का जिक्र करेंगे तो यहां पर आम आदमी पार्टी के नाम पर महाभारत जैसे महाकाव्य तैयार हो जाएंगे। कुमार विश्वास भी अब ये खुलकर कह चुके हैं कि उन्हें राजनैतिक तौर पर मारने की साजिश काफी पहले ही रची जा चुकी थी। लेकिन, वो पार्टी में शहीद हुए हैं। उन्होंने भी इस शहादत को कबूल कर लिया है। ऐसे में सवाल यही उठ रहे हैं कि क्या आम आदमी पार्टी में सिर्फ वो ही नेता सर्वाइव कर पाएंगे जो केजरीवाल की हां में हां मिलाएंगे। क्या ऐसे में वाकई कानपुर की मशहूर ‘डूग्गू के लड़डू’ की दुकान पर लिखी कोटेशन ‘ऐसा कोई सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं’ केजरीवाल पर सटीक बैठती है। सोचिएगा जरूर कि क्या एक शख्स की मुखालफत करने वाला हर शख्स बेईमान हो सकता है।