पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव इन दिनों चर्चा में है। गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया है। बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है।
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की मुश्किलें कम होने का काम नहीं ले रही हैं। विपक्ष लगातार उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इस बीच, टीएमसी के कट्टर विरोधी कहे जाने वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को संदेशखाली जाने से रोक दिया गया।
आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी मंगलवार सुबह पीड़ित महिलाओं से मुलाकात करने के लिए संदेशखाली जा रहे थे। तभी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुलिस और विधायक के बीच काफी नोकझोंक भी हुई।
क्या है संदेशखाली विवाद
कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर, सुंदरबन की सीमाओं पर स्थित संदेशखाली इलाका एक महीने से अधिक समय से शाहजहां और उनके समर्थकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के साथ उबाल पर है। दरअसल गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे। इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ता भी संदेशखाली में प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है और बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में भी शाहजहां शेख आरोपी है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।