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भीमा कोरेगांव से शुरू हुए दलितों के आक्रोश की आंच सहारनपुर पहुंची

लखनऊ। महाराष्ट्र की आंच उत्तर प्रदेश में पहुँच रही है. भीमा कोरेगांव में विजय शौर्य दिवस की 200वीं जयंती मना रहे दलितों पर कथित तौर पर आरएसएस कार्यकर्ताओं द्वारा हमला किए जाने के बाद देशभर में फैले आक्रोश की आंच सहारनपुर में भी देखने को मिल रही है। भीम आर्मी एकता मिशन ने खुली चेतावनी देते हुए दलितों के खिलाफ हुए अत्याचार के विरोध में प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर दलितों पर हमला करने वालों को जेल नहीं भेजा गया तो यूपी में बड़ा और उग्र  आंदोलन किया जाएगा.

भीम आर्मी के सहारनपुर के जिलाध्यक्ष कमल सिंह वालिया के नेतृत्व में भीम आर्मी के सैकड़ों कार्यकर्ता एकजुट होकर जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और महाराष्ट्र में दलितों पर हुए हमले के विरोध में प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि भीम आर्मी वही संगठन है, जिसके कार्यकर्ताओं ने मई 2017 में सहारनपुर की सड़कों पर बवाल किया था। प्रदर्शनकारियों ने खुली चेतावनी दी कि यदि जल्द ही दलितों पर हमला करने वाले आरएसएस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजा गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

इसके बाद जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीएम यूपी और राज्यपाल यूपी को भेजे ज्ञापन में कहा गया कि जिस प्रकार भारत में रोजाना दलितों पर अत्याचार हो रहा है, उसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब भी दलित किसी पर्व को लेकर उत्सव मनाते हैं तो यह हिन्दू संगठनों को हजम नहीं होता। सवाल किया कि जब हिंदू संगठन बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी को शौर्य दिवस के रूप में मना सकते हैं तो दलित अपने शौर्य दिवस को क्यों नहीं मना सकते।

भीम आर्मी ने महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव की घटना को हिंदू आतंकवादी घटना करार दिया और दलितों पर हमला करने वाले हिंदू संगठनों के आरोपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने तथा मृत दलित परिवार के परिजनों को आर्थिक सहायता मुहैया कराने की मांग की है। चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं होता है तो भीम आर्मी सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेगी। प्रदर्शनकारियों में अजय गौतम, राजन गौतम, प्रवीण गौतम, अंकित, सचिन वालिया, सचिन मंधौर, प्रवीण, रोहित गौतम, विशाल, राहुल, बाबूराम व टिंकू प्रमुख रूप से शामिल रहे।