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ट्रिपल तलाक बिल: राज्यसभा में एकजुट दिखा विपक्ष, एनडीए में दरार, छिटकी टीडीपी

नई दिल्ली। राज्यसभा में बुधवार को ट्रिपल तलाक बिल पर जोरदार हंगामा देखने को मिला। बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग कर रहा विपक्ष जहां कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट दिखा, वहीं सत्तारूढ़ एनडीए को फूट का सामना करना पड़ा। टीडीपी ने ट्रिपल तलाक बिल पर सरकार का साथ छोड़ विपक्ष के साथ खड़े होने का फैसला किया। इतना ही नहीं, कांग्रेस की तरफ से सिलेक्ट कमिटी के लिए प्रस्तावित सदस्यों के नाम में टीडीपी नेता का भी नाम है।

ट्रिपल तलाक बिल पर बुधवार को हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सरकार ने बिल को सिलेक्ट कमिटी में भेजने की विपक्ष की मांग को स्वीकार नहीं किया। हालांकि इस दौरान राजनीतिक रूप से केंद्र की बीजेपी सरकार को एक झटका जरूर लगा। एनडीए की सहयोगी टीडीपी ने भी ट्रिपल तलाक के मसले पर सरकार का साथ नहीं दिया। हालांकि इसकी सुगबुगाहट पहले से ही थी कि टीडीपी बिल को सिलेक्ट कमिटी भेजने की विपक्ष की मांग के साथ जा सकती है।

बुधवार को यही देखने को मिला। कांग्रेस, एसपी, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम सहित अन्य पार्टियों के अलावा टीडीपी ने भी इस बिल पर आपत्तियों के खिलाफ विपक्षी एकता का साथ दिया। विपक्ष ने दावा किया कि विधेयक त्रुटिपूर्ण है और सिलेक्ट कमिटी में इस विधेयक पर व्यापक चर्चा होगी। हालांकि सरकार की तरफ से जेटली ने विभिन्न नियमों और सदन की परिपाटी का हवाला देते हुए कहा कि दोनों प्रस्ताव निर्धारित प्रक्रिया को पूरी नहीं करते और दोनों प्रस्ताव अस्वीकार्य हैं।

उन्होंने आनंद शर्मा के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं होता कि संसद की किसी समिति में सत्तारुढ़ दल को बाहर कर दिया जाए। विधेयक को जल्दी पारित कराने का कारण बताते हुए जेटली ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक पर रोक के लिए कानून की खातिर छह महीने का समय दिया है जो फरवरी में पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में संसद से उम्मीद की जाती है कि वह जल्दी से विधेयक पारित करे।

क्या खतरे में है टीडीपी-बीजेपी गठबंधन?
यह सवाल राज्यसभा में बुधवार को टीडीपी द्वारा उठाए गए कदम से पहले से उठने लगा है। दरअसल पिछले दिनों आंध्र प्रदेश की राजनीति में टीडीपी की विरोधी वाईएसआर कांग्रेस और बीजेपी के बीच नजदीकियां बढ़ती दिखी हैं। वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं के बीजेपी नेताओं के साथ मिलने के कारण यह सवाल राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पिछले हफ्ते वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एमपी वी विजयसाई रेड्डी ने पीएम मोदी से मुलाकात की है। मजेदार बात यह है कि विजयसाई रेड्डी के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी अच्छे संबंध हैं। पीएम मोदी और शाह से उनकी मुलाकातों ने राज्य में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। यह मुलाकात इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि हाल के दिनों में बीजेपी के साथ टीडीपी के संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। दोनों ही दल एक-दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसकी वजह से आगामी चुनाव में दोनों दलों के बीच गठजोड़ पर संदेह के बादल मंडराने लगे हैं।