रायसीना डायलॉग सम्मेलन के नौवें संस्करण की शुरुआत 21 फरवरी से हो गई है। सम्मेलन में दुनियाभर के राजनेता और दूसरे क्षेत्रों के अग्रणी लोग हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को हल करना है। इस दौरान गंभीर मुद्दों पर वार्ता की जाएगी। यह कार्यक्रम 23 फरवरी तक चलेगा।
राजनयिक संबंध वास्तव में बहुत अच्छे
उत्तरपूर्वी यूरोप में स्थित लातविया के विदेश मंत्री क्रिसजैनिस कैरिन्स ने भारत-लातविया संबंधों पर बात की। उन्होंने कहा, ‘भारत और लातविया के बीच राजनयिक संबंध वास्तव में बहुत अच्छे हैं। नई दिल्ली में हमारा दूतावास है और भारत सरकार ने हाल ही में रीगा में दूतावास खोलने का निर्णय लिया है। इससे द्विपक्षीय संबंध और भी अच्छे होंगे। यूरोपीय संघ और भारत के बीच संबंध भी बहुत सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं और विकसित हो रहे हैं।’
भारत के आर्थिक विकास पर सवाल पूछे जाने पर कैरिन्स ने कहा, ‘भारत का आर्थिक विकास बहुत प्रभावशाली है। भारत रैंकिंग में ऊपर जा रहा है। वर्तमान में, यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हो सकता है भविष्य में इसकी रैंकिंग और बढ़ जाए। इससे यह तीसरी और फिर दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए।
हालांकि अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ उस आर्थिक भार को लेते हुए, भारत को विश्व कूटनीति में एक बड़ी भूमिका निभानी है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि यूरोप और भारत की ओर से, हम इन मूल्यों के आधार पर मिलकर काम करें। भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है।’
सात क्षेत्र पहले से ही प्राथमिकता में
बिम्सटेक के महासचिव इंद्रमणि पांडेय दिल्ली में हो रहे रायसीना डायलॉग सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे। यहां उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘महासचिव के रूप में मेरी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि सदस्य देशों द्वारा लिए गए निर्णयों को अच्छी तरह से लागू किया जाए। यह सदस्य देश हैं
जो सहयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को तय करते हैं। पहले से ही सात क्षेत्र प्राथमिकता में हैं जो सदस्य देशों ने तय किए हैं, जिसमें सुरक्षा क्षेत्र भी शामिल है। अंतरराष्ट्रीय अपराध और आतंकवाद से लेकर समुद्री सुरक्षा तक, पहले से ही अलग-अलग तंत्र मौजूद हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि समुद्री परिवहन में सहयोग के संबंध में एक समझौता करना है, जिसे अंतिम रूप दे दिया गया है और उस पर बातचीत की गई है। बिम्सटेक का छठा शिखर सम्मेलन इस वर्ष होने की उम्मीद है। यह सम्मेलन थाईलैंड में हो सकता है।