जेल में बंद गरीब कैदियों को जमानत दिलाने के लिए वित्तीय सहायता देने के लिए गृह मंत्रालय ने 20 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। गौरतलब है कि इसका लाभ जेल में बंद उन कैदियों को मिलेगा, जो अपनी जमानत राशि का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में कहा कि प्रत्येक राज्य को निर्बाध धन के प्रवाह के लिए एक खाता खोलना चाहिए, ताकि ये पैसे जरूरतमंद लोगों को दिए जा सकें।
गरीब कैदियों के जारी किए 20 करोड़ रुपये की राशि
गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि मंत्रालय ने सालाना 20 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है, जिसका इस्तेमाल राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की जेलों में बंद गरीब कैदियों को जमानत दिलाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसके सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों को आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया था।
गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए थे निर्देश
गृह मंत्रालय के नोटिस में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सभी जिलों में सशक्त समितियां और प्रदेश मुख्यालय स्तर पर निगरानी समिति का गठन करने को कहा गया था। साथ ही राज्य या केंद्रशासित प्रदेश मुख्यालय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो प्रक्रिया या दिशा-निर्देशों के बारे में कोई स्पष्टीकरण मांगने के लिए गृह मंत्रालय या केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनए) राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ जुड़ सकता है।