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हाफिज के साथ फिलिस्तीनी राजदूत ने साझा किया मंच, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लोगों ने मारे ताने

रावलपिंडी। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली ने मंच साझा किया है. पाकिस्तानी पत्रकार उमर कुरैशी ने खूंखार आतंकी हाफिज सईद और पाकिस्तान में फिलिस्तीन के राजदूत के मंच साझा करने की तस्वीर को ट्वीटर पर शेयर की है.

ये तस्वीर पाकिस्तान के रावलपिंडी के लियाकत बाग में आयोजित विशाल रैली की हैं, जिसमें हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीन के राजदूत वलीद अबु अली भी शामिल हुए. इस रैली का आयोजन दिफाह-ए-पाकिस्तान काउंसिल ने किया. इस रैली को वलीद अबु अली ने भी संबोधित किया. वैश्विक आतंकी हाफिज सईद पाकिस्तान की राजनीति में आने को बेताब है. इसमें उसको पाकिस्तानी सेना का भी समर्थन मिल रहा है.

हाल ही में नजरबंदी से रिहा होने के बाद आतंकी हाफिज सईद आगामी चुनाव में उतरने का ऐलान भी चुका है. हालांकि उसके सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है. वहीं, भारत के सबसे बड़े दुश्मन हाफिज सईद के साथ फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली की तस्वीर सामने आने के बाद बवाल मच गया है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर लंबी बहस छिड़ गई है.

 ट्विटर यूजर विदेश मंत्री को ताने दे रहे हैं कि और फिलिस्तीन का समर्थन कर लीजिए. इसके साथ ही यह भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर फिलिस्तीनी राजदूत वलीद अबु अली का खूंखार आतंकी हाफिज सईद से क्या संबंध है? लोगों का यह भी कहना है कि इजरायल जैसा भी है….भारत का असली दोस्त है. ऐसे में भारत को इजरायल के खिलाफ नहीं जाना चाहिए.

फिलिस्तीन के समर्थन पर सुब्रमण्यम स्वामी ने घेरा था मोदी सरकार को

येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोट करने पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी सरकार को घेरा था. स्वामी ने कहा था कि यह फैसला भारत के हित में नहीं है. इससे भारत की क्रेडिबिलिटी पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.

उन्होंने कहा था कि इससे अमेरिका और इजरायल हम पर भरोसा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है, जो कश्मीर के मामले में हमेशा हमारा विरोधी रहा है. इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन और अन्य फोरम में फिलिस्तीन ने भारत का विरोध किया है. स्वामी ने कहा कि ये कांग्रेस की पुरानी नीति है. अमेरिका और इजरायल के पक्ष में वोट न करके भारत ने बड़ी गलती की है.