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तीन तलाक बिल पर बोले एम जे अकबर, इस्लाम नहीं कुछ मुसलमान मर्दों की जबरदस्ती खतरे में है

नई दिल्ली। सरकार ने आज लोकसभा में एक साथ तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत से जुड़ा बिल पेश किया. लोकसभा में चर्चा तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ‘ये कानून तलाक के खिलाफ नहीं है ये कानून एक साथ तीन तलाक के खिलाफ है.

एमजे अकबर ने कहा, ”मैं मुसलमान होने के नाते बोल रहा हूं. जहर फैलाया जा रहा है कि इस्लाम खतरे में हैं. मैं तो कहता हूं कि कुछ भी खतरे में नहीं बस कुछ मुसलमान मर्दों की जबरदस्ती खतरे में है. सच्चा मुसलमान कभी नहीं मानेगा कि इस्लाम खतरे में हैं. इसी नारे आधार पर आजादी से पहले देश को बांटने की कोशिश हुई और अब समाज को बांटने की कोशिश हो रही है.”

उन्होंने कहा, ”हम शरीया की बात करते हैं, शरीया का कोई कानून नहीं है. इसका मतलब रास्ता है. कानून में बदलाव हो सकते हैं, लोगों की भलाई के लिए कानून में बदलाव किया जाना चाहिए. कुरान में तो लिखा है कि कोई अगर चोरी करता है तो उसके हाथ काट दो, ये अल्लाह की तरफ से है. मैं पूछना चाहता हूं कि आप आज हाथ क्यों नहीं काटते हैं.”

उन्होंने कहा, ”जहां मर्दों का मसला है वहां तो आप आसानी से कानून बना लेते हैं. जब औरतों के अधिकारों की बात आती है तो अल्लाह याद आ जाता है.”

कुरान में महिलाओं को मिले अधिकारों पर एमजे अकबर ने कहा, ”कुरान आने से पहले के समय को जाहिलिया कहा जाता है. मैंने कुरान का जो अनुवाद पढ़ा है उसमें लिखा है कि कुछ लोग खुदा का नाम लेकर औरतों पर जुल्म करते थे. कुरान शरीफ में साफ लिखा है कि आप ऐसा नहीं कर सकते. लेकिन 1400 साल बाद भी लगता है कि कुछ लोग जाहिल हैं और जाहिल ही रहेंगे.”