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हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का दावा, भारत के पास है 2600 परमाणु हथियारों की ताकत, सदमे में पाक-चीन

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ये रिपोर्ट है चीन-पाक के लिए मौत का फरमान.. पाकिस्तान और चीन की नापाक हरकतों को मुँहतोड़ जवाब देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर हर मुमकिन कोशिश कर रहे है कि भारत को ओर मजबूत और ताकतवर कैसे बनाया जा सके, और मोदी अपने इस काम में सफल भी होते नज़र आ रहे है. हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट ने भारत के दुश्मन देशों को सदमे में डाल दिया है. परमाणु हथियारों को लेकर हुए इस खुलासे ने दुनिया के हर ताकतवर देश को भारत की पॉवर दिखा दी है.

मौजूदा खबर अनुसार बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक़ हथियारों के मामले में बेहद गुप्त रूप से भारत यूके और फ्रांस से भी आगे निकल गया है. भारत प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़े मुद्दों में इन देशों पर हावी हो सकता है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बेल्फर सेंटर की Indian Nuclear Exceptionalism रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत के पास 2600 परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक सामग्री मौजूद है. इस सिलसिले में वर्तमान में भारत तीसरे नंबर है, केवल अमेरिका और रूस ही उससे आगे हैं.

गौरतलब है कि इस रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की ताकत किस तरह से बढ़ी है और भारत जल्द ही एलीट न्युक्लियर ग्रुप में शामिल हो जाएगा क्योंकि भारत सक्रिय रूप से उन्हें विभिन्न सामग्रियों की आपूर्ति कर सकता है. सरकार ने भारतीय नौसेना को अत्याधुनिक बनाने के लिए छह और परमाणु पनडुब्बी बनाने का महत्वाकांक्षी मिशन शुरू किया है, ऐसा करके वो फ्रांस और ब्रिटेन की नौसेना से भी ज्यादा ताकतवर हो जाएगा.

बता दें कि चीन और पाकिस्तान जानते हैं कि भारत जल्द ही आर्थिक रूप से और परमाणु ताकत के मामले में एक वैश्विक शक्ति बनने जा रहा है. यदि मोदी 2019 में फिर से जीत कर सत्ता पर काबिज हो जाते हैं, तो चीन के पास कोई चारा नहीं रह जाएगा कि वो पाकिस्तान का साथ छोड़कर भारत के रास्ते का काँटा बनना बंद करदे, इसी में उसकी खैर होगी.

बताते चलें कि भारत की बढ़ती ताकत चीन की चिंता बढ़ा रही है क्योंकि भारत सीधे चीन की तिब्बत और अरुणाचल प्रदेश नीति पर दबाव डाल सकता है. कुछ ही वर्षों में भारत की ताकत इतनी अधिक हो जायेगी कि चीन भारत के किसी भी आतंरिक मामले में हस्तक्षेप करने की हिम्मत नहीं कर पायेगा. पूरे एशिया में भारत से टक्कर लेने वाला कोई नहीं होगा क्योंकि मोदी जी के कारण भारत विकासशील देशों की सूची से बाहर निकल कर विकसित देश के रूप में खुद को स्थापित कर लेगा.