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पहले हिंदू मंदिर की वास्तुकला में यूएई की संस्कृति की भी झलक

अबू धाबी स्थित पहले हिंदू मंदिर की वास्तुकला में यूएई के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाली सात मीनारें, ऊंटों की नक्काशी और राष्ट्रीय पक्षी बाज भी हिस्सा हैं। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मरीखा में 27 एकड़ की साइट पर निर्मित मंदिर का आज उद्घाटन किया जाएगा। खास बात है कि मंदिर के लिए जमीन यूएई सरकार ने दान में दी थी।

सात शिखरों में यूएई के तत्व भी शामिल
बीएपीएस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहरिदास के मुताबिक, मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं। ये सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो संयुक्त अरब अमीरात बनाने के लिए एक साथ आते हैं।

सात शिखरों पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा सहित देवताओं की मूर्तियां हैं।

‘एकता और सद्भाव को बढ़ावा देता है यह मंदिर’
गौरतलब है कि आम तौर पर मंदिर में या एक तीन या पांच शिखर होते हैं लेकिन अबू धाबी में सात शिखरों का निर्माण किया गया है, जो अमीरात की एकता का प्रतीक है। साथ ही सात मीनारें सात महत्वपूर्ण देवताओं को स्थापित करती हैं। स्वामी ब्रह्मविहरिदास ने कहा,

सर्पिल का उद्देश्य बहुसांस्कृतिक परिदृश्य में एकता और सद्भाव को बढ़ावा देना है। 108 फीट ऊंचा यह मंदिर क्षेत्र में विविध समुदायों के सांस्कृतिक एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा।