भारत और मालदीव के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। ऐसे में, अमेरिका ने मालदीव को स्वतंत्र, सुरक्षित, खुला और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बताया। साथ ही कहा कि वह हिंद महासागर के द्वीपसमूह के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू अपने नए नेतृत्व और नागरिक समाज के साथ बातचीत के लिए हाल ही में मालदीव में थे।
खुला, सुरक्षित और समृद्ध बनाने में…
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने 29 से 31 जनवरी तक सहायक विदेश मंत्री की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘अमेरिका, मालदीव के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला, सुरक्षित और समृद्ध बनाने में एक महत्वपूर्ण साझेदार है।’ माले में रहते हुए लू ने रक्षा सहयोग, आर्थिक विकास और लोकतांत्रिक शासन सहित साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
संबंधों को और मजबूत करेगी
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘उन्होंने मालदीव में अमेरिकी दूतावास की स्थापना पर प्रगति पर भी चर्चा की, जो हमारी साझेदारी और लोगों से लोगों के संबंधों को और मजबूत करेगी।’ लू ने मालदीव में लोकतांत्रिक शासन और पारदर्शिता पर चर्चा करने के लिए सिविल सोसायटी के सदस्यों और उच्च शिक्षा अधिकारियों से भी मुलाकात की। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मालदीव में अपने अनुच्छेद IV मिशन को पूरा करने के बाद कहा कि दक्षिण एशियाई राष्ट्र की महामारी के बाद स्थिति मजबूत रही है।
प्रवक्ता की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा अपने देश से सभी 88 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस लेने की मांग के बाद मालदीव और भारत के बीच राजनयिक विवाद चल रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं।