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केंद्र में भ्रष्टाचार की पोल खोलने पर HRD में तैनात अफसर को गंवानी पड़ी जान, अपहरण के बाद हत्या !

नई दिल्ली। केंद्र सरकार में ठेके और कंस्ट्रक्शन को लेकर कई घोटालों और अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाना एक बड़े अफसर को महंगा पड़ा। चार दिनों से लापता चल रहे इस अफसर की गुरुवार को पालम विहार रेलवे लाइन पर लाश मिली। इंडियन सिविल अकॉउंट्स सर्विसेज के अफसर जितेंद्र झा दिल्ली के द्वारका इलाके से लापता थे। परिवार ने अपहरण की आशंका जताई थी।  इस समय वह मानव संसाधन मंत्रालय में तैनात थे। साथ ही वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एद्मिस्ट्रेशन में ट्रेनिंग भी कर रहे थे। परिवार का आरोप है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय व इससे पहले की तैनाती वाले मंत्रालयों में उन्होंने ऑडिट के दौरान कई अनियमितताओं की पोल खोली थी

हत्या की आत्महत्या, पत्नी ने कहा-कई लोगों से थी दुश्मनी

जितेंद्र झा के शव के पास से पुलिस ने एक सुसाइड लेटर बरामद करने का दावा किया है। पुलिस पृथमदृष्टया आत्महत्या का मामला मानकर चल रही है। हालांकि परिवार जिस तरह से आरोप लगा रहा है, उससे मामला बेहद संगीन दिख रहा है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि अफसर की हत्या कर रेलवे लाइन पर शव डाल दिया गया। पत्नी का कहना है कि जितेंद्र ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। उनका कहना था कि अपने डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार पर आवाज मुखर करने के कारण कई लोग दुश्मन हो गए हैं। जो तरह-तरह से दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। लिहाजा हत्या का भी मामला हो सकता है। उधर पुलिस का कहना है कि हर एंगल से जांच हो रही है।

सख्ती पर कई बार हुए ट्रांसफर का शिकार

जितेंद्र पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में थे। वहां उन्होंने ठेकों और अन्य चीजों में भ्रष्टाचार को लेकर आवाज मुखर की। ऑडिट के दौरान घपले की पोल खोली तो बड़े अफसरों को नागवार गुजरा। जिस पर उनका ट्रांसफर मानव संसाधन मंत्रालय में कर दिया गया। पत्नी का कहना है कि ईमानदारी के कारण जितेंद्र का हर पांच से छह महीने पर ट्रांसफर कर दिया जाता रहा। जिससे वह परेशान भी थे।

कब हुए लापता

राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके से भारत सरकार के इंडियन सिविल अकॉउंट्स सर्विसेज के एक अधिकारी संदिग्ध हालात में सोमवार सुबह अचानक लापता हो गए. जितेंद्र कुमार झा नाम के अधिकारी सोमवार सुबह अपने घर से वॉक के लिए निकले थे, लेकिन उसके बाद से वह घर नहीं लौटे. उस दौरान उनका मोबाइल भी घर पर ही था. वह एचआरडी मंत्रालय में तैनात हैं और इन दिनों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन से ट्रेनिंग भी कर रहे थे.  सोसाइटी से बाहर निकलते हुए करीब साढ़े 9 बजे वह सीसीटीवी में नज़र आए थे. लेकिन उसके बाद वह कहां गए, यह किसी को नहीं पता. फिलहाल पुलिस ने उनके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

डीसीपी द्वारका शिबेस सिंह ने बताया कि लाश के पास एक सुसाइड नोट मिला है. शुरुआती जांच में पुलिस का कहना है कि यह मामला खुदकुशी का नजर आ रहा है. लेकिन पुलिस इस केस की और सुसाइड नोट की पूरी जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि केस की हर एंगल से जांच की जाएगी.

बताते चलें कि मृतक जितेंद्र कुमार झा इंडियन सिविल अकॉउंट्स सर्विसेज के अधिकारी थे. बीते सोमवार की सुबह करीब 10 बजे वह अचानक लापता हो गए थे. उस दिन जितेंद्र सुबह अपने घर से वॉक के लिए बाहर निकले थे. उस वक़्त उनका मोबाइल भी घर पर ही था, लेकिन उसके बाद से वो घर नहीं लौटे. उनकी पत्नी के मुताबिक सोमवार की सुबह करीब साढ़े 9 बजे वह घर से निकले थे. काफी समय गुज़रने के बाद जब उनका कोई पता नहीं चला तो रात को थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई गई थी.