प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते बुधवार राज्यसभा में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल में विकास धीमा हुआ था, लेकिन हमने रफ्तार को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पिछड़े वर्गों के लोगों को आगे बढ़ाना ही नहीं चाहती है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए किया और कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने खुद की जाति को ओबीसी में शामिल किया था। वायनाड सांसद के दावे में कितनी सच्चाई है, आइए जानते हैं।
पीएम मोदी जन्म से पिछड़ी जाति से नहीं- राहुल गांधी
सबसे पहले यह जानते हैं कि राहुल गांधी ने अपने बयान में क्या कहा था। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पीएम मोदी जन्म से पिछड़ी जाति से नहीं हैं। वे गुजरात की ‘तेली’ जाति में पैदा हुए थे। उस समुदाय को साल 2000 में भाजपा ने ओबीसी में शामिल किया। वे (पीएम मोदी) सामान्य वर्ग में पैदा हुए थे। वे कभी भी जातिगत जनगणना को नहीं कराएंगे क्योंकि वे ओबीसी में पैदा नहीं हुए थे। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी खुद को ओबीसी बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
सीएम बनने से पहले ही ओबीसी में शामिल थी जाति- भाजपा
पीएम मोदी की जाति को लेकर दिए गए राहुल गांधी के बयान को भाजपा ने खारिज कर दिया है। भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी लोगों के बीच भ्रम और झूठ फैला रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी जाति को गुजरात में अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल नहीं किया था। भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि राहुल गांधी झूठ बोलते हैं। पीएम मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से दो साल पहले 27 अक्तूबर, 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था। भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक पूरा नेहरू-गांधी परिवार ओबीसी के खिलाफ रहा है।