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लाइसेंस कैंसिल होने के फैसले को मैक्स अस्पताल ने कहा ‘अनुचित’

नई दिल्ली। जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने वाले मैक्स अस्पताल ने लाइसेंस कैंसिल होने पर कहा है कि दिल्ली सरकार का यह फैसला कठोर और अनुचित है. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऐसे फैसले से मरीजों के इलाज के अवसर सीमित होंगे.

मैक्स अस्पताल ने ये दी सफाई

मैक्स हेल्थकेयर अस्पताल समूह के अधिकारियों ने दिल्ली सरकार द्वारा उनका लाइसेंस रद्द करने के कुछ घंटे बाद एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि हमें अपनी बात रखने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया. बयान में कहा गया कि ‘हमें मैक्स अस्पताल, शालीमार बाग का लाइसेंस रद्द करने का नोटिस मिला है. हमारा मजबूती से मानना है कि यह फैसला कठोर है.’

इलाज के अवसर सीमित होंगे

अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि ‘हमारा मानना है कि अगर यह फैसले को लेकर व्यक्तिगत भूल भी है तो अस्पताल को जिम्मेदार ठहराना अनुचित है. इससे मरीजों के इलाज के अवसर सीमित होंगे. यह राष्ट्रीय राजधानी में अस्पताल सुविधा में कटौती भी करेगा.’ अस्पताल ने बयान में कहा कि हम हमारे सामने उपलब्ध सभी विकल्प खोजेंगे. हम अपनी क्षमताओं के अनुसार सर्वश्रेष्ठ तरीके से मरीजों की देखभाल, क्लीनिकल एवं सेवा उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ खड़े हैं.

दिल्ली सरकार ने दोषी माना

गौरतलब है कि आज ही दिल्ली सरकार ने मैक्स अस्पताल पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस रद्द कर दिया. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने बताया कि हमने हॉस्पिटल को आपराधिक लापरवाही बरतने का दोषी पाया है. हॉस्पिटल की यह पहली गलती नहीं है. ऐसा करना उसकी आदत में शुमार हो चुका है. लिहाजा मैक्स हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है. उन्होंने कहा कि नवजात शिशु की मौत मामले में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है.

ये है मामला

30 नवंबर को दिल्ली के शालीमार बाग स्थित MAX हॉस्पिटल ने जीवित बच्चो को मृत घोषित कर दिया था और शव को प्लास्टिक के थैले में भरकर परिजनों को दे दिया था. इसके बाद परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की थी और मामला मेडिकल की लीगल सेल को फॉरवर्ड कर दिया था. इसके बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया. मैक्स हॉस्पिटल ने वहीं बयान जारी कर कहा है कि वह बच्चे के परिजनों से अस्पताल लगातार संपर्क में है.