जहां एक तरफ उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी कर रही है वहीं असम सरकार बहुविवाह पर लगाम लगाने वाले विधेयक की चर्चाओं को लेकर सुर्खियों में हैं। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को कहा कि असम सरकार विधानसभा के आगामी बजट सत्र के दौरान राज्य में बहुविवाह को खत्म करने के लिए एक विधेयक पेश करेगी। उन्होंने कहा कि विधेयक के मसौदे की फिलहाल कानून विभाग द्वारा जांच की जा रही है।
बजट सत्र में करेंगे बहुविवाह प्रतिबंध विधेयक को पेश- सरमा
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा के बजट सत्र के दौरान हम राज्य में बहुविवाह को रोकने के लिए एक कानून लाने के लिए तैयारी कर रहे हैं, जो जांच के लिए कानून विभाग के पास है। साथ समान नागरिक संहिता(यूसीसी) पर बोलते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हम इस पर विचार कर रहे हैं। साथ ही कहा कि उनकी सरकार उत्तराखंड में लागू होने वाले समान नागरिक संहिता(यूसीसी) का इंतजार कर रही है।
यूसीसी की संभावनाओं को तलाशेंगे- सरमा
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर बोलते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हम विधेयक को पहले समझेंगे और देखेंगे कि क्या हम इसे पूरी तरह से लागू कर सकते हैं। फिर हम उसके अनुसार आगे की ओर बढ़ेंगे। गौरतलब है कि असम विधानसभा का बजट सत्र पांच फरवरी से शुरू होने जा रहा है। अगले वित्त वर्ष का बजट 12 फरवरी को पेश किया जाएगा।
स्वदेशी समुदायों का धर्मांतरण किया जा रहा- सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा अपने फैसलों के लिए जाने जाते हैं। विगत कुछ दिनों पहले एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वदेशी समुदाय में बढ़ रहे धर्मांतरण को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा था कि भोले भाले स्वदेशी समुदायों के लोगों को भौतिक लालच देकर भ्रमित किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने युवा पीढ़ी से स्वदेशी आस्थाओं और धर्मों को जीवित रखने का आह्वान भी किया था। इससे निपटने के लिए उन्होंने अपनी सरकार के द्वारा उठाए गए कदमों को भी साझा किया था।