केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना पूरा करने में शिक्षा और तकनीक का योगदान अहम होगा। आईआईएम मुंबई के प्रथम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि प्रधान ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे विकसित इकोनॉमी बन सकती है और विकसित भारत मे हम दुनिया को साथ लेकर चलेंगे। उन्होंने नए स्नातकों का आह्वान किया कि नौकरी करने वाले नही नौकरी देने वाले बनें।
आईआईएम मुंबई के प्रथम दीक्षांत समारोह में
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में संस्थान के 1013 छात्रों को स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान की गई। साल 1963 में स्थापित, भारतीय प्रबंधन संस्थान मुंबई (आईआईएम मुंबई) शैक्षिक उत्कृष्टता के केंद्र का गढ़ है, जिसने देश के शैक्षिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साथ संरेखित करने की प्रतिबद्धता के साथ, आईआईएम मुंबई को रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में क्षमता निर्माण के लिए नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है, जो शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से योगदान देता है। आईआईएम मुंबई तीन एमबीए कार्यक्रम, उद्योग की जरूरतों को पूरा करने वाले कार्यपालक कार्यक्रम, वैश्विक और राष्ट्रीय प्रमाणन कार्यक्रमों की पेशकश करता है।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अतिथि के रूप में प्रबंध निदेशक और सीईओ, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) आशीष कुमार चौहान और आईआईएम मुंबई शासी मंडल के अध्यक्ष शशि किरण शेट्टी और अन्य सदस्य शामिल थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आईआईएम मुंबई के स्नातकों की राष्ट्र निर्माण के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने देश में युवाओं के नेतृत्व वाली वृद्धि और विकास के बारे में भी श्रोताओं को अवगत कराया। आशीष कुमार चौहान ने कहा कि आईआईएम मुंबई इस मुंबई शहर के लिए एक बहुत ही प्रतीक्षित उपहार है। संस्थान के शासी मंडल के अध्यक्ष शशि किरण शेट्टी ने कहा कि आईआईएम मुंबई अनुसंधान और उद्योग संपर्क में तेजी लाएगा। आईआईएम मुंबई के निदेशक प्रो. मनोज कुमार तिवारी ने प्रधान मंत्री, माननीय शिक्षा मंत्री, विशेष समिति के अध्यक्ष आशीष कुमार चौहान और आईआईएम मुंबई शासी मंडल को नीटी को आईआईएम मुंबई में परिवर्तित कराने में उनकी भूमिका के लिए धन्यवाद दिया और संस्थान के रिपोर्ट कार्ड को साझा किया।
इस कार्यक्रम में कुल 1013 छात्र दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में सभी स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के 32 फेलो छात्र, 955 स्नातकोत्तर विद्यार्थी अर्थात पीजीडीआईई, पीजीडीआईएम, पीजीडीएमएम, पीजीडीपीएम और पीजीडीएसएम और 26 वीएलएफएम छात्र शामिल थे।