देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने आजादी की जंग अहिंसा के मार्ग पर चलकर जीती। उन्होंने असहयोग आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिए पूरे देश को एकजुट किया और अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। खास बात ये है कि वह सत्य, अहिंसा और आदर्शों के मार्ग पर पूरा जीवन चलते रहे।
हालांकि देश को गणतंत्र बनते वह न देख सके और 30 जनवरी 1948 को उनका निधन हो गया। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को प्रतिवर्ष शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन देश के शहीदों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। शहीद दिवस पर देश के उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। महात्मा गांधी आज दुनियाभर में अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं। विश्वभर में लोग उन्हें अपना प्रेरणास्त्रोत मानते हैं। शहीद दिवस के मौके पर महात्मा गांधी के बताए आदर्शों को याद कर करने के लिए बापू के अनमोल विचार पढ़ें।
स्वास्थ्य ही सही धन है। सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ भी नहीं।
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है
यह तो अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
कुछ करना है तो प्यार से करें, वरना न करें
आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी
क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती, वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। खुशबू ही उसका संदेश है।