Breaking News

एयर इंडिया ले जाता था नेहरू का लव लेटर, एडविना के साथ उसके बेडरूम में पड़े गए नेहरू

आजादी और आधुनिक भारत के इतिहास की किताबें जवाहर लाल नेहरू के योगदान की बातों से भरी पड़ी हैं। इन्हें पढ़ें तो लगता है कि महात्मा गांधी के बाद अगर किसी ने देश को आजादी दिलाई तो वो जवाहर लाल नेहरू ही थे। नेहरू की इसी विरासत को उनका परिवार आज भी भुना रहा है और तमाम भ्रष्टाचार और अनैतिक कामों के बावजूद राजनीति के केंद्र में बना हुआ है। जवाहर लाल नेहरू और आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन की पत्नी एडविना के बीच रिश्तों की बातें तो आपने जरूर सुनी होंगी, लेकिन इस रिश्ते में और क्या-क्या हुआ ये कम लोगों को ही मालूम है। ऊपरी तौर पर देखा जाए तो ये महज प्रेम-संबंध का मामला था, लेकिन नेहरू ने अपनी प्रेमिका के लिए जिस तरह से सरकारी संसाधनों का गलत इस्तेमाल किया वो जानकर आप हैरान रह जाएंगे। उस दौर में पत्रकार रहे खुशवंत सिंह और कुलदीप नैयर ने इन घटनाओं का जिक्र किया है।

एयर इंडिया ले जाता था लव लेटर

सरकारी संसाधनों का अपने निजी काम के लिए इस्तेमाल करने की ये सबसे शर्मनाक मिसाल है। जवाहर लाल अपनी प्रेमिका एडविना को लगभग रोज चिट्ठी लिखा करते थे। इन चिट्ठियों को लंदन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी एयर इंडिया की हुआ करती थी। पत्रकार कुलदीप नैयर ने अपनी किताब ‘एक जिंदगी काफी नहीं’ में लिखा है कि “एयर इंडिया के हवाई जहाज से नेहरू जी का गुलाब की खुशबू से भीगा खत लंदन में भारत के हाईकमीशन को सौंपा जाता था। हाई कमीशन की जिम्मेदारी होती थी कि वे उस खत को एडविना माउंटबेटन तक पहुंचाएं। एडविना का जवाबी लव लेटर एयर इंडिया के ही सरकारी विमान से दिल्ली पहुंचता था और एयरपोर्ट से उसे तीन मूर्ति भवन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी तब के बड़े सरकारी अधिकारियों की होती थी। अगर कभी इन प्रेम पत्रों के अादान-प्रदान में देरी हो जाती थी तो नेहरू गुस्से में लाल हो जाते थे। यहां तक कि किसी जरूरी सरकारी काम में व्यस्त होने के कारण भी देरी हो जाए तो नेहरू अफसरों को माफ नहीं करते थे।”

जब बेडरूम में पकड़े गए पीएम!

पत्रकार खुशवंत सिंह ने भी जवाहरलाल नेहरू के रंगीले स्वभाव के बारे में कई जगहों पर लिखा है। खुशवंत 50 के दशक में लंदन में भारतीय उच्चायोग में तैनात थे। उन्होंने बताया है कि “देर रात को नेहरूजी अचानक एडविना के घर पहुंच गए। इस बात की भनक कहीं से लंदन के पत्रकारों को लग गई। वो उसी वक्त एडविना के घर पहुंच गए। एक पत्रकार ने घर के अंदर बेडरूम में नेहरू और एडविना की कुछ अंतरंग तस्वीरें भी खींच डालीं।” खुशवंत सिंह बताते हैं कि इस घटना के कारण नेहरू उन पर बहुत गुस्सा हुए थे। खुशवंत तब हाईकमीशन की तरफ से मीडिया को मैनेज करने का भी काम करते थे, लिहाजा नेहरू को शक था कि उन्होंने ही मीडिया को बुलाकर उनके अवैध रिश्ते की पोल खुलवा दी। इस घटना का जिक्र एडविना माउंटबेटन की बेटी पॉमेल हिक्स ने भी किया है।

जब प्यार में भेजा था युद्धक पोत

आजादी के बाद जब देश की करोड़ों जनता बेहद गरीबी में जिंदगी बिता रही थी और देश तमाम चुनौतियों से गुजर रहा था तब जवाहर लाल का ज्यादातर वक्त एडविना से प्यार मोहब्बत की बातें करने में बीतता था। 21 फरवरी 1960 को जब एडविना का लंदन में निधन हो गया तो नेहरू ने गेंदे के फूलों का एक गुलदस्ता भेजा। ये गुलदस्ता भारतीय नौसेना के जहाज त्रिशूल से भेजा गया था। ये वो दौर था जब चीन के साथ रिश्ते बिगड़ना शुरू हो चुके थे। ऐसे वक्त में जब सेना को मजबूत करने की जरूरत थी, तब देश के प्रधानमंत्री नौसेना के युद्धक जहाज का इस्तेमाल अपनी महबूबा को फूल भेजने में कर रहा था।