गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने मंगलवार को कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और 30 अन्य को 2017 के एक मामले में बरी कर दिया है। उनके ऊपर साल 2017 में राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में एक ट्रेन को अवरुद्ध करने का आरोप लगा था।
जिग्नेश मेवाणी समेत 30 अन्य को अदालत ने किया बरी
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पीएन गोस्वामी की अदालत ने कांग्रेस के दलित नेता मेवाणी को बरी किया है। अहमदाबाद पुलिस ने 2017 में मेवाणी और अन्य के खिलाफ रेल रोको प्रदर्शन के तहत राजधानी ट्रेन को 20 मिनट तक कालूपुर रेलवे स्टेशन पर अवरुद्ध करने के लिए मामला दर्ज किया था। यह प्रदर्शन राज्य सरकार के नीतियों के खिलाफ किया गया था।
मेवाणी और अन्य 30 के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। 31 में से 30 आरोपी महिला थी। उनके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 153 के तहत मामला दर्ज किया गया था। साल 2021 में एक सत्र अदालत ने मेवाणी को बरी करने से इनकार कर दिया था। पिछले साल नवंबर में मेवाणी और छह अन्य को अहमदाबाद के इनकम टैक्स चौराहे पर 2016 में दंगा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी जमावड़ा करने के मामले से बरी किया गया था।