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मोदी जी जब देश को सुप्रीम कोर्ट चला रहा है तो फिर आप की क्या जरुरत, इस्तीफा दीजिये और घर बैठिये

लखनऊ। भारत के अधिकतर लोगों का सुप्रीम कोर्ट पर से भरोसा ख़त्म होता जा रहा है, सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के हर फैसले में दखल दे रहा है, आज अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत से भगाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी, एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि जब तक सुनवाई पूरी ना हो जाए, किसी भी रोहिंग्या घुसपैठिये को भारत से भगाया ना जाए क्योंकि ये इन्सान हैं और इन्हें भगाना मानव अधिकारों के विपरीत है.
इस फैसले से देश के लोगों का भरोसा सुप्रीम कोर्ट पर से हट रहा है, ऐसा लग रहा है कि देश केंद्र सरकार नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट चला रहा है, केंद्र सरकार खुद से कोई निर्णय नहीं कर पा रही है.
अब लोगों कह कहना है कि जब इस देश में सारे फैसले कोर्ट को ही करने है जैसे के रोहिंग्या मुसलमान हिंदुस्तान में रहेंगे या नहीं रहेंगे, कश्मीर में सेना पैलेट गन चलाएगी या कोई और गन चलाएगी, दिवाली पर पटाखे चलाएंगे या नहीं चलाएंगे, मूर्ति विसर्जन होगा कि नहीं होगा, दही हांडी की ऊंचाई कितनी होगी, राम मंदिर बनेगा या नहीं बनेगा. अगर ये सभी फैसले सुप्रीम कोर्ट को ही करने हैं तो चुनाव कराने की क्या जरूरत है, सुप्रीम कोर्ट से ही पूछ लेना चाहिए कि देश का प्रधानमंत्री किसे बनाना चाहिए.
लोग कह रहे हैं कि जब हर फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना है तो  चुनी हुई सरकार की फिर क्या जरुरत है, सुप्रीम कोर्ट के जजों को ही यह देश भी चलाना चाहिए, प्रधानमंत्री सहित सभी मंत्री और राष्ट्रपति को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.