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आयकर विभाग की इस कार्रवाई से बिहार के सभी राजनीतिक दलों के सामने आया संकट

पटना। बिहार के आयकर विभाग ने राज्य के 50 विधायकों एवं नेताओं की अघोषित संपत्ति की जांच में 28 विधायकों व नेताओं के पास से 30 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति मिलने का दावा किया है. आयकर विभाग ने 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा दिए गए हलफनामा में संपत्ति के वृद्धि के आधार पर किया है. अब विभाग जल्द ही इन पर क़ानूनी शिकंजा कसने की तयारी में है. विभाग ने चुनावी हलफनामे में दर्ज नेताओं की संपत्ति में भारी वृद्धि की हुई जांच के आधार पर खुलासा करते हुए कहा है कि ऐसे 50 विधायकों एवं प्रत्याशियों को जांच के लिए चयनित किया गया था जिनकी संपत्ति में 200 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि हलफनामे में दिखाई गई थी. इनमें से जांच के दौरान 22 नेताओं को क्लीनचिट मिल गई जबकि 28 विधयकों एवं प्रत्याशियों के पास से 30 करोड़ की अघोषित संपत्ति की जानकारी मिली है. इसे विभाग ब्लैकमनी मानता है.

आयकर विभाग की इस जांच में बिहार के मुख्य दलों में भाजपा, राजद, जदयू एवं अन्य दलों के नेता व विधायक शामिल हैं. इनमें से अरुण कुमार सिन्हा, राज्बल्ल्भ यादव, रेखा देवी,नारायण यादव समेत कई और भी बड़े नेता शामिल हैं. अब विभाग इन नेताओं के खिलाफ जल्द ही क़ानूनी शिकंजा कसने की तैयारी में है. पहले तो विभाग संबन्धित मामलों को रिओपेन करेगी और छिपाई हुई अघोषित आय पर धारा 147 के अन्तर्गत पैनाल्टी लगाएगा. इन नेताओं को अब टैक्स की रकम से तीन गुनी पैनल्टी देनी होगी.

विभाग ने इस बावत विधायकों एवं प्रत्याशियों के संपत्ति में वृद्धि को लेकर हुई आयकर की जांच रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी भेज दी है. आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि गंभीर स्थिति में जबाव नहीं देने पर डिफ़ॉल्टरों को जेल भी जाना पड़ सकता है.

हालांकि इस पूरे मामले में विधायकों से पूछे जाने पर भोजपुर के राजद विधायक अरुण यादव का कहना है कि सब कुछ क़ानूनी तरीके से अर्जित संपत्ति है. अभी भी अगर आयकर विभाग को कुछ जानकारी चाहिए तो हम देने के लिए तैयार हैं. वही, शिवहर के जदयू विधायक सरफुद्दीन का कहना है कि जितना संपत्ति था हम खुलासा कर दिए हैं. ऐसे 31 जुलाई तक हम आयकर विभाग को सभी कागजात सौंप देंगे.

ये पहली बार है कि आयकर विभाग ने चुनाव में नेताओं के दिए गए हलफनामे की जांच की है और पहले 50 विधायकों एवं नेताओं की जांच की जिसमें से 28 नेताओं को ब्लैक मनी अर्जित करने में दोषी पाया है. हालांकि ऐसा लगता नहीं है कि कोई भी दल इसको मुद्दा बनाएगा क्योंकि इसमें अधिकांश पार्टी के विधायक नेता एवं बड़े लोग मौजूद हैं.