प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लक्षद्वीप को करोड़ों की सौगात दी। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा शुरू किए गए सुधारों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों का गवाह बने मुस्लिम बहुल लक्षद्वीप के लोगों का दिल जीतने के प्रयास के तहत बुधवार को कहा कि यह द्वीपसमूह भले ही छोटा है, लेकिन इसका दिल बड़ा है।
प्रधानमंत्री ने यहां केंद्र शासित प्रदेश में 1,150 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद यह बात कही। बता दें, प्रधानमंत्री मंगलवार को लक्षद्वीप पहुंचे थे। उन्होंने आज एक समारोह में इन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। समारोह में महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों द्वीपवासियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘लक्षद्वीप का क्षेत्रफल भले ही छोटा हो, लेकिन इसका दिल बहुत बड़ा है। मैं यहां मिल रहे प्यार और आशीर्वाद से अभिभूत हूं। मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं।’
पहले की सरकारों पर निशाना साधा
मोदी ने इस दौरान पहले की सरकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद दशकों तक केंद्र में जो सरकारें रहीं उनकी प्राथमिकता सिर्फ अपने राजनीतिक दल का विकास था। जो दूर-सुदूर के राज्य हैं, जो बॉर्डर पर हैं या जो समुद्र के बीच में हैं, उनकी तरफ ध्यान नहीं दिया जाता था। बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार ने जो बॉर्डर के इलाके हैं जो समुद्र के छोर के इलाके हैं, हमने उन्हें अपनी प्राथमिकता बनाया है।’
तेज इंटरनेट सुविधा मिलेगी
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत के हर क्षेत्र और हर नागरिक का जीवन आसान बनाना और उसे सुविधा से जोड़ना ही केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। आज यहां लगभग 1200 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है। ये इंटरनेट, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और बच्चों से जुड़ी परियोजनाएं हैं। इन सभी स्वास्थ्य परियोजनाओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत बधाई।’ उन्होंने कहा कि 2020 में, आपको गारंटी दी थी कि अगले 1,000 दिनों के भीतर तेज इंटरनेट सुविधा मिलेगी। आज कोच्चि-लक्षद्वीप पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर परियोजना का उद्घाटन किया गया है। अब लक्षद्वीप में इंटरनेट 100 गुना अधिक गति से उपलब्ध होगा। बता दें, प्रधानमंत्री ने अगस्त 2020 में लाल किले पर अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में यह घोषणा की थी।
संचार बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव
इस पहल का उद्देश्य लक्षद्वीप पर धीमी इंटरनेट गति की चुनौती को दूर करना है। अधिकारियों के अनुसार, इससे द्वीपों में इंटरनेट की गति 100 गुना से अधिक बढ़कर, 1.7 जीबीपीएस से 200 जीबीपीएस (गीगा बाइट प्रति सेकेंड) हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लक्षद्वीप अब एक पनडुब्बी ऑप्टिकल फाइबर केबल के माध्यम से जुड़ा हुआ है, जो संचार बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इससे द्वीपों में इंटरनेट सेवाओं, टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस, शिक्षा, डिजिटल बैंकिंग, मुद्रा उपयोग और साक्षरता में वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री ने कदमत में कम तापमान वाले थर्मल डी-सैलिनेशन (एलटीटीडी) संयंत्र का भी उद्घाटन किया, जो हर दिन 1.5 लाख लीटर स्वच्छ पेयजल का उत्पादन करेगा। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अगाती और मिनिकॉय द्वीपों पर सभी घरों में घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) राष्ट्र को समर्पित किए।
मोदी द्वारा शुरू की गई अन्य परियोजनाओं में कावारत्ती में सौर ऊर्जा संयंत्र, लक्षद्वीप में पहली बैटरी समर्थित सौर ऊर्जा परियोजना शामिल है। उन्होंने कल्पेनी में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा के नवीनीकरण और पांच द्वीपों एंड्रोथ, चेतलाट, कदमत, अगाती और मिनिकॉय में पांच मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों (नंद घरों) के निर्माण की आधारशिला भी रखी।
वीजा नियमों को आसान बनाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने हज यात्रियों की सहूलियत के लिए जो प्रयास किया है उसका भी लाभ लक्षद्वीप के लोगों को मिला। हज यात्रियों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाया गया है। हज से जुड़ी ज्यादातर कार्रवाई अब डिजिटल होती है। सरकार ने महिलाओं को बिना महरम हज जाने की भी छूट दी है। इन्हीं सब प्रयासों की वजह से उमराह के लिए जाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।’