भारत और पाकिस्तान ने सोमवार को राजयिक चैनलों के जरिए परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान किया। दोनों देशों ने यह सूची निषेध संबंधी समझौते के तहत एक-दूसरे को दी है। नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच इस तरह की सूची का यह लगातार 33वां आदान-प्रदान है, पहली बार एक जनवरी 1992 को हुई थी। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यह जानकारी दी।
दोनों देशों के बीच यह परंपरा ऐसे समय में भी कायम है, जब उनके बीच संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकियों ने 2008 के मुंबई पर हमला किया था। जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई औपचारिक वार्ता नहीं हुई है। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे।
हालांकि, दोनों पक्षों के राजनीतिक नेतृत्व ने संपर्क फिर से शुरू करने के प्रयास किए। लेकिन, पाकिस्तान स्थित समूहों के सिलसिलेवार आतंकवादी हमलों ने इन प्रयासों को पटरी से उतार दिया। 2019 के पुलवामा हमले के बाद दोनों के बीच शत्रुता बढ़ गई। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) को दोषी ठहराया गया था। हालांकि, पर्दे के पीछे दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनलों से बातचीत चलती रही। तीसरे देश में दोनों देशों के खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों की बैठक भी हुई, जिसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम है।