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शुभमन गिल टेस्ट में क्यों लगातार हो रहे हैं फेल? सुनील गावस्कर और आकाश चोपड़ा ने बताया कारण

शुभमन गिल की गिनती भारत के फ्यूचर स्टार्स में की जाती है। इस खिलाड़ी ने लिमिटेड ओवर क्रिकेट में अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर खूब नाम कमाया है, मगर रेड बॉल क्रिकेट में उन्हें सफलता हासिल करने के लिए अभी भी काफी मेहनत करने की जरूरत है।

गिल का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट में इस साल काफी साधारण रहा है। 2023 में खेले गए छह टेस्ट मैचों में इस युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज ने 28 की औसत से केवल 258 रन बनाए हैं और वह इस पारंपरिक प्रारूप में संघर्ष करते हुए दिखाई दिए हैं। इन 258 रनों में से भी 185 रन गिल ने भारत में बनाए। वेस्टइंडीज दौरे पर शुभमन गिल के बल्ले से 45 रन निकले तो वहीं दक्षिण अफ्रीका में पहले टेस्ट की दोनों पारियों में मिलाकर वह 28 रन ही बना पाए। टीम इंडिया के लीजेंड शुभमन गिल के टेस्ट क्रिकेट में फेल होने पर अपनी राय दी है, उनका कहना है कि यह युवा खिलाड़ी रेड बॉल क्रिकेट में कुछ ज्यादा ही आक्रामक हो गया है।

गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा ‘मुझे लगता है कि वह टेस्ट क्रिकेट में कुछ ज्यादा ही आक्रामक तरीके से खेल रहे हैं। जब आप टी20ई और वनडे के मुकाबले टेस्ट क्रिकेट खेलते हैं तो यह थोड़ा अलग होता है। अंतर गेंद में होता है। लाल गेंद सफेद गेंद की तुलना में थोड़ी अधिक मूव करती है। हवा में भी और पिच से बाहर भी। इसमें थोड़ा अधिक उछाल भी होता है। उसे इसका ध्यान में रखना चाहिए।’

गावस्कर ने आगे कहा, ‘शुभमन गिल ने अपने करियर की शुरुआत बहुत अच्छी की और हमने उनके शॉट्स की प्रशंसा की। हम केवल आशा कर सकते हैं कि वह अपनी फॉर्म में वापस आ जाएं। आशा है कि वह कड़ी मेहनत करेंगे और भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’ शुभमन गिल ने अब तक खेले 19 टेस्ट मैचों में 31 की औसत से 994 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके नाम 2 शतक और 4 अर्धशतक दर्ज हैं।

गिल की फॉर्म पर आकाश चोपड़ा ने कहा ‘जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था तब गिल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में प्रभावशाली प्रदर्शन किया था और वह भविष्य के लिए एक खिलाड़ी की तरह लग रहे थे। उन्होंने वनडे में अच्छी बल्लेबाजी की है जो उनका पसंदीदा फॉर्मेट है और टी20 में उन्होंने संयमित प्रदर्शन किया है। लेकिन टेस्ट में, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज के खिलाफ, मुझे नहीं लगता कि उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। तो सवालिया निशान है। उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की। फिर उन्होंने नंबर 3 पर बल्लेबाजी की। आखिरकार वह नंबर 4 पर बल्लेबाजी करना चाहते हैं, ऐसा मुझे लगता है।’

वह आगे बोले ‘लेकिन उन्हें रन बनाने की शुरुआत करने की जरूरत है। उनकी बल्लेबाजी में थोड़ी तकनीकी कमी भी है। वह एक ऐसा खिलाड़ी है जो ज्यादातर अपने हाथों से खेलना पसंद करता है और मुख्य रूप से अपने पैरों पर निर्भर नहीं रहता है। इसलिए, यह दृष्टिकोण सपाट पिचों और सफेद गेंद क्रिकेट के लिए उपयुक्त हो सकता है। लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट में काम नहीं करता है।’