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कमांडर का आदेश नहीं सुन पाए थे सैनिक, गलतफहमी में इस्राइली बंधकों को ही मारी गोली, जांच में खुलासा

बीते दिनों गाजा में ऑपरेशन के दौरान इस्राइली सेना ने गलती से अपने ही बंधकों को गोली मार दी थी, जिसमें तीन बंधकों की जान चली गई थी। इसे लेकर इस्राइल में खूब हंगामा हुआ और लोग विरोध में सड़कों पर उतरे। अब उस मामले की जांच में खुलासा हुआ है कि बंधक मदद के लिए चिल्लाए थे लेकिन इस्राइली सैनिकों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उन्हें आतंकी खतरा मानते हुए गोली चला दी।

जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा कैसे गलतफहमी में मारे गए तीनों बंधक
जांच रिपोर्ट का गुरुवार को खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, 10 दिसंबर को गाजा के शेजैया में स्थित एक इमारत में इस्राइली सैनिकों ने बंधकों के मदद के लिए चीखने की आवाजें सुनीं थी। हालांकि इस्राइली सेना को लगा कि हो सकता है कि हमास के आतंकियों ने इमारत में विस्फोटक लगाए हुए हैं और उन्हें फंसाने के लिए ये आवाजें सुनाई जा रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइली सैनिक बहुत संभलकर बिल्डिंग में दाखिल हो रहे थे और इसी दौरान वहां से भागने की कोशिश कर रहे पांच आतंकियों को इस्राइली सैनिकों ने ढेर कर दिया। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 दिसंबर को तीनों बंधक बिल्डिंग से निकले तो इस्राइली सैनिकों ने उन्हें भी गलतफहमी में गोली मार दी।

कमांडर का आदेश नहीं सुन पाए सैनिक
बंधक बिल्डिंग से बाहर निकलते हुए बचाने के लिए चिल्लाए भी थे लेकिन सैनिक सुन नहीं पाए। गोली लगते ही बंधकों में से दो की तुरंत मौत हो गई और एक बच गया। इसके बाद मदद की गुहार सुनकर इस्राइली सेना के कमांडर ने सैनिकों को फायर रोकने का आदेश दिया लेकिन वहां बहुत ज्यादा शोर होने की वजह से नजदीक ही तैनात दो सैनिक कमांडर का आदेश संभवतः सुन नहीं पाए और उन्होंने तीसरे बंधक को भी गोली मार दी। इस तरह तीनों बंधक मौके पर मारे गए। तीनों बंधक बिना शर्ट के थे और उनके पास सफेद झंडा भी था।

इस्राइली सेना के प्रमुख हेरजी हालेवी ने भी स्वीकार किया है कि ‘सेना बंधकों को बचाने के मिशन में असफल रही। इन तीन बंधकों को बचाया जा सकता था।’ बता दें कि मारे गए तीनों बंधकों की पहचान योताम हेम, एलोन शमरिज और सामेर अल तलाका के रूप में हुई है और तीनों करीब 20 साल के थे। वहीं तीनों बंधकों की इस्राइली सेना की गोलीबारी में मौत से तेल अवीव में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार को 129 बंधकों को वापस लाने के लिए कोई नई योजना बनानी चाहिए।